रांची : रांची विश्वविद्यालय के आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डॉ.त्रिभुवन शाही ने कहा है कि झारखंड सरकार को कैबिनेट की अगली बैठक में नीड बेस असिस्टेंट प्रोफेसर के मामले को रखना चाहिए। कैबिनेट की बैठक 15 दिसंबर को होगी। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के एक संकल्प के अनुसार नीड बेस असिस्टेंट प्रोफेसर को यूजीसी बेसिक पे के समतुल्य 57700/ मानदेय तय किया गया है।
लेकिन गलत नीतियों के कारण अनावश्यक काट-छांट संबंधित विभाग की ओर से किया जाता है। वेतन विसंगति के कारण नीड बेस असिस्टेंट प्रोफेसर के मासिक मानदेय में एकरूपता नहीं रहती। जिससे उन्हें अकारण मानसिक तथा आर्थिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ रहा है। झारखंड में यह एक तरह का नया नकारात्मक प्रयोग उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा हो रहा है। इस वजह से बच्चों के भविष्य गढ़ने वाले खुद अपने भविष्य को नहीं जान पा रहे हैं और अनिश्चितता में जीवन यापन कर रहे हैं। किसी माह यदि छुट्टी हो जाता है या फिर पर्व-त्यौहार आ जाता है तब तो और भी समस्या आ जाती है।
चूंकि छुट्टी में कोई राशि हमें नहीं मिलती है। बारह महीने में बारह तरह की राशि मानदेय के रूप में मिलती है। ऐसे में समस्याओं का निदान के लिए राज्य के मुखिया से करबद्ध प्रार्थना है की सभी नीड बेस असिस्टेंट प्रोफेसर का पूर्ण रूप से समायोजन करते हुए मासिक वेतन फिक्स किया जाए और उसे मंत्रिमंडल की बैठक में पास किया जाय,ताकि हम निर्विघ्न होकर उच्च शिक्षा के विकास के लिए अपनी सारी ऊर्जा लगा सकें।