कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस के खिलाफ एक महिला कर्मचारी ने छेड़छाड़ करने का आरोप लगायी थी।
इसके जबाव में राजभवन ने बुधवार को सोशल मीडिया एक्स के जरिए एक पोस्ट साझा किया गया जिसमें वह ममता बनर्जी और उनकी पुलिस को छोड़कर 100 लोगों को संबंधित सीसीटीवी फुटेज दिखाया जाएगा।
राज्यपाल पर आरोप के बाद पुलिस ने राजभवन से संबंधित सीसीटीवी फुटेज साझा करने का अनुरोध किया था लेकिन राज्यपाल ने अपने कर्मचारियों को इस संबंध में पुलिस के साथ सहयोग नहीं करने का निर्देश दिया।
राज्यपाल लोगों से राजभवन में कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ईमेल या फोन पर अनुरोध भेजने को कहा और पहले 100 लोगों को राजभवन के अंदर फुटेज देखने की अनुमति दी जाएगी।
पोस्ट में कहा गया है कि राज्यपाल ने फैसला किया है कि सीसीटीवी फुटेज को पश्चिम बंगाल का कोई भी नागरिक देख सकता है – सिवाय राजनीतिक नेता ममता बनर्जी और उनकी पुलिस के, क्योंकि उन्होंने जो रुख अपनाया है वह सबके सामने है।
कोलकाता पुलिस ने महिला कर्मचारी द्वारा बोस पर लगाए गए छेड़छाड़ के आरोप की जांच के लिए एक जांच दल का गठन किया है।
फिलहाल पुलिस ने आरोप की जांच के सिलसिले में राजभवन के कुछ अधिकारियों और वहां तैनात पुलिसकर्मियों को तलब किया है।
हालांकि संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत किसी राज्यपाल के खिलाफ उसके कार्यकाल के दौरान कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है।
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