नई दिल्ली : भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह की मुसीबतें बढ़ती हुई नजर आ रही है।
दिल्ली की एक अदालत ने यौन उत्पीड़न मामले में उनके खिलाफ आरोप तय कर दिया है।
अदालत ने पांच महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में बृज भूषण शरण सिंह पर आईपीसी की धारा 354, 354ए के तहत आरोप तय किया हैं।
बृज भूषण शरण सिंह पर महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का भी आरोप लगाया गया है। कोर्ट को बृज भूषण के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत मिले है।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि बृज भूषण के खिलाफ प्रत्येक पीड़ित के संबंध में धारा 354 और 354ए के तहत आरोप तय किए गए थे।
हालांकि अदालत ने बृज भूषण को छठे पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया है।
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिया आदेश
गौरतलब है कि महिला पहलवानों के कथित यौन शोषण मामले में कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह काफी समय से सवालों के घेरे में थे।
दिल्ली के जंतर-मंतर पर कई पीड़ित पहलवानों ने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था।
अब इस मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने बृज भूषण के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है।
उनके अलावा कोर्ट ने बृज भूषण के सेक्रेटरी विनोद तोमर के खिलाफ भी आरोप तय करने का आदेश दिया।
बृज भूषण के खिलाफ धारा 354 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), 354-ए (यौन उत्पीड़न) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया।
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