नई दिल्ली, एजेंसियां। शिक्षा मंत्रालय ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन को अगले एकेडमिक ईयर (2025-2026) से साल में दो बार बोर्ड एग्जाम कंडक्ट कराने को लेकर व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
बोर्ड एग्जाम को बच्चों के लिए स्ट्रेस-फ्री बनाने को लेकर शिक्षा मंत्रालय ड्राफ्ट तैयार कर रहा है।
साल में दो बार बोर्ड एग्जाम होने से बच्चों पर इन एग्जाम का प्रेशर कम होगा और दो बार एग्जाम देकर अपने मार्क्स बेहतर करने के लिए ज्यादा मौके भी मिलेंगे।
PTI के मुताबिक बोर्ड एग्जाम और 10वीं-12वीं के सिलेबस में सेमेस्टर पैटर्न शुरू करने के ड्राफ्ट को फिलहाल रोक दिया गया है।
इस साल मई में शिक्षा मंत्रालय और CBSE से जुड़े ऑफिसर्स चुनिंदा स्कूलों के प्रिंसिपल से साल में दो बार बोर्ड एग्जाम कराने को लेकर चर्चा भी करेंगे।
फिलहाल, CBSE साल में दो बार बोर्ड एग्जाम कराने के लिए एकेडमिक कैलेंडर डिजाइन कर रहा है।
CBSE को 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए कुछ इस तरह से कैलंडर डिजाइन करना है कि साल में दो बार पूरे सिलेबस के साथ बोर्ड एग्जाम कराए जा सकें और 12वीं के बाद अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन प्रोसेस पर भी कोई असर न पड़े।
शिक्षा मंत्रालय ने CBSE बोर्ड को साल में दो बार एग्जाम कंडक्ट कराने को लेकर लॉजिस्टिक्स यानी सिस्टमैटिक तरीके से प्लानिंग करने को कहा है।
पिछले साल अगस्त में शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) रिलीज किया था।
NCF में भी साल में दो बार बोर्ड एग्जाम देने का ऑप्शन देने की बात थी।
अक्टूबर 2023 में शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा था कि साल में दो बार बोर्ड एग्जाम होंगे लेकिन स्टूडेंट्स को दोनों बार एग्जाम देना जरूरी नहीं होगा।
स्टूडेंट्स जब चाहें उस अटेम्प्ट में बोर्ड एग्जाम दे सकते हैं।
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