रांची। कल यानी 10 मई को पूरे देश में अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा।
इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए लोग अभी से ही बाजार में खरीदारी करना शुरू कर चुके हैं।
बाजारों में अक्षय तृतीया के सामान भर गए हैं। अक्षय तृतीया पर बहुमूल्य धातुओं में सोना खरीदने का महत्व है।
सदियों से लोग अक्षय तृतीया पर सोना खरीदते आ रहे हैं। हालांकि, इस दिन सोना के अलावा, चांदी, हीरा, पीतल-तांबा और कांसा के बर्तन, कपड़ा, खाद्यान्न, दालें, पीली सरसो, मिट्टी का घड़ा आदि भी खरीद सकते हैं।
लेकिन, सोने की खरीद करना सबसे शुभ माना जाता है। इसका कारण यह है कि सोना माता लक्ष्मी का ही स्वरूप है।
अगर आप अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने जा रहे हैं, तो उसकी खरीद करने के शुभ मुहूर्त के बारे में जान लेना जरूरी है।
विशेषज्ञ कहते हैं कि शुभ मुहूर्त पर सोना खरीदने से घर में धन-वैभव की बढ़ोतरी होती है और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
पंडित राजेंद्र द्विवेदी कहते हैं कि अक्षय तृतीया शाश्वत समृद्धि, अक्षय निधि और सुख-शांति का प्रतीक है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य स्थायी सफलता और भाग्य सुनिश्चित करता है।
‘अक्षय’ शब्द का अर्थ शाश्वत है, जबकि ‘तृतीया’ शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन को दर्शाता है। यह नए काम की शुरुआत के लिए चिह्नित दिन है।
चाहे वह व्यवसाय शुरू करना हो, नई नौकरी शुरू करना हो या धार्मिक अनुष्ठान करना हो, यह तिथि इन सब कामों को शुरू करने के लिए शुभ माना जाता है।
मान्यता यह भी है कि अक्षय तृतीया पर चंद्रमा और ग्रहों के स्वामी सूर्य अपने सबसे अधिक प्रकाशमान होते हैं, क्योंकि इस दिन यह किसी भी अन्य दिन की तुलना में अधिक चमकीला होता है।
इसलिए इसे नए निवेश, विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, उपनयन संस्कार के लिए शुभ माना जाता है।
सबसे बड़ी बात यह है कि अक्षय तृतीया पर कारोबार की शुरुआत करने से उसमें वृद्धि होती है।
पंडित विष्ण वल्लभनाथ मिश्र आगे कहते हैं कि सोना माता लक्ष्मी का ही स्वरूप है। यह सुर-असुर संग्राम के बाद होने वाले समुद्र मंथन से निकला है।
सोने का अंतर्निहित मूल्य और वित्तीय संभावनाएं इसके सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ इसे अत्यधिक मांग वाली वस्तु बनाती हैं।
सोना एक भौतिक वस्तु है, जिसने आर्थिक मंदी के दौरान भी अपना मूल्य बनाए रखा है। खासकर वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान दुनियाभर के लोगों के इसके महत्व का पता चला।
इसीलिए, महामारी के समय से ही इसे खरीदने और इसमें निवेश करने वालों की तादाद बढ़ी है।
सोने की खरीदारी को अक्सर वित्तीय स्थिरता के लिए एक सुरक्षित ठिकाना माना जाता है और इसे मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव माना जाता है।
इतना ही नहीं, जिस देश के विदेशी मुद्रा भंडार में सोना का अक्षय भंडार जितना अधिक होता है, उस देश को सबसे अधिक समृद्ध माना जाता है।
पंडित द्विवेदी ने बताया कि इस साल अक्षय तृतीया पर तृतीया तिथि 10 मई 2024 को सुबह 04:17 बजे शुरू होगी और 11 मई 2024 को सुबह 02:50 बजे समाप्त होगी।
द्रिकपंचांग के अनुसार, अक्षय तृतीया पर पूजा का मुहूर्त सुबह 05:33 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक रहेगा।
वहीं, जिन लोगों को अक्षय तृतीया पर सोने की खरीद करना है, उनके लिए इसकी खरीद करने का शुभ मुहूर्त 10 मई, 2024 की सुबह 05:33 बजे से शुरू होता है, जो 11 मई, 2024 को 02:50 बजे तक रहेगा।
इसका अर्थ यह हुआ कि आप 10 मई, 2024 की सुबह 05:33 बजे से लेकर 11 मई, 2024 को 02:50 बजे तक सोने की खरीद कर सकते हैं।
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