नई दिल्ली, एजेंसियां।
सर्दियों में तिल के लड्डू की मिठास और सुगंध हर किसी के दिल को छू लेती है। ठंड बढ़ते ही घर-घर में तिल और गुड़ की खुशबू फैलने लगती है, क्योंकि ये न सिर्फ त्योहारों की परंपरा का हिस्सा हैं, बल्कि शरीर को ठंड में आवश्यक गर्माहट और पोषण भी प्रदान करते हैं। दादी-नानी के समय से चली आ रही तिल के लड्डू की यह रेसिपी आज भी उतनी ही लोकप्रिय है क्योंकि गुड़ और तिल दोनों की तासीर गर्म होती है और ये स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माने जाते हैं।
तिल के लड्डू में क्या है खास ?
तिल के लड्डू कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत हैं, जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं। इसके साथ ही गुड़ शरीर में आयरन की कमी दूर करता है और खून को शुद्ध करता है। इन लड्डुओं में मौजूद विटामिन, मिनरल्स और हेल्दी फैट शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं, जिससे सर्दियों में जुकाम-खांसी जैसी समस्याएं कम होती हैं। यही कारण है कि बच्चे, बुज़ुर्ग और बड़े सभी रोज़ाना एक तिल का लड्डू आराम से खा सकते हैं।
तिल और गुड़ के लड्डू के लिए ज़रूरी सामग्री
- 700 ग्राम तिल (500 ग्राम गुड़ के अनुपात में 1.5 गुना तिल)
- 500 ग्राम गुड़
- 2 चम्मच देसी घी
- 7–8 हरी इलायची
वैकल्पिक: मूंगफली, बादाम या अन्य नट्स (स्वाद और पोषण बढ़ाने के लिए)
दादी की पारंपरिक रेसिपी: ऐसे बनें परफेक्ट तिल के लड्डू
- तिल को अच्छे से साफ करके दरदरा बीन लें ताकि कोई कंकड़ न रह जाए।
- भारी तली की कड़ाही में तिल को मध्यम आंच पर लगातार चलाते हुए भूनें।
- जब वे हल्के सुनहरे हो जाएं और खुशबू आने लगे, तो उन्हें ठंडा होने के लिए रख दें।
- ठंडा होने पर तिल को इमामदस्ता में दरदरा कूट लें—कुछ चूरा और कुछ साबुत रहने दें।
- अगर मूंगफली या नट्स डाल रहे हैं, तो उन्हें भी अच्छी तरह भूनकर क्रश कर लें।
- कड़ाही में घी डालकर गुड़ को धीमी आंच पर पिघलाएं। गांठ रहनी नहीं चाहिए।
- गैस बंद करें और तुरंत तिल, नट्स और इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
- मिश्रण हल्का ठंडा होने पर हाथों में घी लगाकर लड्डू बनाएं और घी लगी थाली में रखें।
- लड्डू ठंडे होने पर टाइट हो जाएंगे इन्हें कांच के एयरटाइट डिब्बे में रखें।
स्टोरेज और शेल्फ लाइफ
ये लड्डू 2–3 महीने तक बिना खराब हुए सुरक्षित रहते हैं, और सर्दियों में रोज़ाना एक लड्डू शरीर को ऊर्जा, गर्माहट और रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है।



