सितंबर में 1.84% पर थी; सब्जियां और खाने-पीने की चीजें महंगी हुईं
नई दिल्ली, एजेंसियां। अक्टूबर महीने में थोक महंगाई बढ़कर 2.36% पर पहुंच गई है। इससे पहले सितंबर महीने में थोक महंगाई 1.84% पर थी।
अगस्त में ये 1.31% पर आ गई थी। सब्जियों और खाने-पीने के चीजों के दाम बढ़ने से महंगाई बढ़ी है।
ये चीजें हुई महंगीः
खाने-पीने की चीजें और प्राइमरी आर्टिकल्स की कीमतें बढ़ी
रोजाना की जरूरत वाले सामानों की महंगाई दर 6.59% से बढ़कर 8.09% हो गई।
खाने-पीने की चीजों की महंगाई 9.47% से बढ़कर 11.59% हो गई।
फ्यूल और पावर की थोक महंगाई दर -4.05% से घटकर -5.79 रही।
मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर 1% से बढ़कर 1.50% रही।
WPI का आम आदमी पर असरः
थोक महंगाई के लंबे समय तक बढ़े रहने से ज्यादातर प्रोडक्टिव सेक्टर पर इसका बुरा असर पड़ता है। अगर थोक मूल्य बहुत ज्यादा समय तक ऊंचे स्तर पर रहता है, तो प्रोड्यूसर इसका बोझ कंज्यूमर्स पर डाल देते हैं।
सरकार केवल टैक्स के जरिए WPI को कंट्रोल कर सकती है।
जैसे कच्चे तेल में तेज बढ़ोतरी की स्थिति में सरकार ने ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी कटौती की थी।
हालांकि, सरकार टैक्स कटौती एक सीमा में ही कम कर सकती है। WPI में ज्यादा वेटेज मेटल, केमिकल, प्लास्टिक, रबर जैसे फैक्ट्री से जुड़े सामानों का होता है।
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