लातेहार। लातेहार के सेरनदाग गांव में जिस सरकारी मीडिल स्कूल के भवन को 9 साल पहले नक्सलियों ने उड़ा दिया था, अब वहां 200 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। असल में उस भयावह घटना के बाद भी ग्रामीणों के बच्चों की पढ़ाई को लेकर जज्बा बरकरार था।
बगैर किसी खौफ के छह माह बाद स्कूल को फिर से शुरू करवाया। पर, समस्या यह है कि कमरों के अभाव में बच्चे बाहर जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं। इससे शिक्षक और बच्चे दोनों को परेशानी होती है।
गर्मी और बारिश में होती है परेशानीः
सबसे ज्यादा परेशानी गर्मी और बारिश के दौरान होती है। 2015 में नक्सलियों द्वारा बम से उड़ाए गए भवन को बनाने में अब तक न तो प्रशासन और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने पहल की है।
लातेहार के पूर्व विधायक बैजनाथ राम पहले शिक्षक थे। वे झामुमो की सरकार में शिक्षामंत्री बने, पर स्कूल की तस्वीर नहीं बदली। लातेहार के डीएसई गौतम साहू कहते हैं, उन्हें स्कूल की दशा की जानकारी नहीं है। अभी सूचना मिल रही है तो चेक करवाता हूं। वहां नए भवन का निर्माण कराया जाएगा।
इसे भी पढ़ें



