Donald Trump:
वॉशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा को लेकर अपने सख्त रुख में बदलाव के संकेत दिए हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका को विदेशी कुशल पेशेवरों की जरूरत है, क्योंकि देश केवल लंबे समय से बेरोजगार बैठे लोगों पर निर्भर रहकर तकनीकी और औद्योगिक विकास नहीं कर सकता। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को रक्षा और इंडस्ट्री सेक्टर में उच्च विशेषज्ञता वाले लोगों की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं कि हमें अमेरिकी मजदूरों की आय बढ़ानी चाहिए, लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि कुछ खास स्किल्स हमारे पास नहीं हैं। आप बेरोजगारों को एक दिन में मिसाइल बनाना नहीं सिखा सकते। उन्हें अनुभव और ट्रेनिंग चाहिए।”
ट्रंप ने कहा:
ट्रंप ने जॉर्जिया की ह्युंडई बैटरी फैक्ट्री का उदाहरण देते हुए कहा कि जब दक्षिण कोरिया से आए कुशल कर्मचारियों को वापस भेजा गया, तो उत्पादन ठप पड़ गया। उन्होंने कहा कि बैटरियां बनाना बेहद जटिल और खतरनाक काम है, जिसमें विशेषज्ञता जरूरी है। यह बयान उस समय आया है जब ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में एच-1बी वीजा फीस में भारी बढ़ोतरी की थी। नई नीति के तहत अब आवेदन शुल्क 1,500 डॉलर से बढ़ाकर 1 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 83 लाख रुपये) कर दी गई है। हालांकि, पहले से वीजा धारक या पुराने आवेदक इस नियम से प्रभावित नहीं होंगे।
ट्रंप के इस बयान को नीति में नरमी का संकेत माना जा रहा है। अब वे कह रहे हैं कि अमेरिका को अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए “विदेशी टैलेंट” को शामिल करना ही होगा।



