Saavan:
नई दिल्ली, एजेंसियां। सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। यह समय भगवान शिव को समर्पित होता है और इसे पूरे श्रद्धा और शुद्धता के साथ मनाया जाता है। इस साल सावन 2025 की शुरुआत हो चुकी है और यह 29 दिनों का रहेगा। इस पावन महीने में पूजा-पाठ के साथ-साथ खान-पान में भी विशेष नियमों का पालन किया जाता है। खासकर नॉनवेज खाना वर्जित माना जाता है। पर क्या इसके पीछे सिर्फ धार्मिक कारण हैं या वैज्ञानिक कारण भी हैं? आइए जानते हैं।
Saavan:धार्मिक कारण: क्यों न खाएं नॉनवेज?
सावन भगवान शिव का महीना है, इसलिए शुद्धता और संयम का पालन जरूरी होता है।नॉनवेज को ‘तामसिक भोजन’ माना गया है, जो क्रोध, आलस्य, अहंकार और अज्ञानता को बढ़ाता है। ये मन की एकाग्रता और पूजा में बाधा डालते हैं।
ज्योतिष अनुसार, इस दौरान इंद्रियों पर नियंत्रण और संयम साधना जरूरी है जिससे व्यक्ति अध्यात्म की ओर अग्रसर हो सके।बारिश के मौसम में खाने की चीजों में छोटे जीवों का जन्म हो सकता है, जिससे उनका सेवन धर्म अनुसार ‘पाप’ की श्रेणी में आ जाता है।

Saavan:वैज्ञानिक कारण: स्वास्थ्य की दृष्टि से क्यों हानिकारक है?
सावन में मानसून चरम पर होता है। नमी के कारण फंगस और बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं, जिससे मांस जल्दी खराब हो जाता है।इस मौसम में पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। नॉनवेज गरिष्ठ होता है और इसे पचाना मुश्किल हो जाता है।एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सामान्यतः जो मांस 6 घंटे तक सुरक्षित रहता है, वह बरसात में 4 घंटे में ही खराब हो सकता है। इससे फूड पॉइज़निंग, अपच और अन्य पेट संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
इसे भी पढ़ें
Sawan Rudrabhishek: भोलेनाथ की भक्ति का पवित्र महीना सावन शुरू, जानें रुद्राभिषेक और व्रत का महत्व