लोबिया घास क्या है?
लोबिया घास
नये जमाने से कदमताल करते हुए आजकल के किसान खेती-बाड़ी के साथ–साथ पशुपालन में अपनी रूचि दिखा रहे हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि पशुपालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें किसानों को अच्छा मुनाफा मिल जाता है।
जहां एक तरफ किसानों के लिए पशुपालन का कार्य मुनाफे का साबित हो रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ पशुपालकों को पशुओं के कम होते दूध उत्पादन की चिंता सता रही है।
लोबिया घास पशुओं के लिए चारा
ऐसे में लोबिया घास या चारा उनके लिए काम की चीज है। लोबिया का चारा पशुओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
लोबिया एक प्रकार का हरा चारा होता है, जिसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। इसके साथ ही इसमें फोस्फोरस और कैल्सियम की मात्रा भी अधिक पायी जाती है।
लोबिया घास का चारा से दूध का उत्पादन बढ़ जाता है
यह पशुओं में दूध उत्पादन की क्षमता बढ़ाने में सहायक है। अगर किसान भाई अपने पशुओं को लोबिया चारा का सेवन कराते हैं तो इसके सेवन से पशुओं में लगभग 6 से 7 लीटर प्रति दिन दूध देने की क्षमता बढ़ सकती है।
इसके साथ ही किसानों की आय दोगुनी होने की सम्भावना होती है। लोबिया को मुख्य रूप से भोजन के रूप में महत्व दिया जाता है।
कभी-कभी इनका उपयोग पशुओं को खिलाने के लिए किया जाता है। वहीं, लोबिया चारा, दानों, लताओं और पत्तियों, या ताजा घास को चारे के लिए उपयोग किया जाता है।
लोबिया एक वार्षिक जड़ी-बूटी वाली फलियां हैं, जिसकी खेती बीजों या चारे के लिए की जाती है।
लोबिया घास का फूल
इसकी पत्तियां अंडाकार पत्तों वाली त्रिकोणीय होती हैं, जो 6-15 सेमी लंबी और 4-11 सेमी चौड़ी होती हैं।
इसके फूल सफेद, पीले, हल्के नीले या बैंगनी रंग के होते हैं. इसकी फली जोड़े में पाई जाती हैं। इसकी प्रति फली में 8 से 20 बीज होते हैं।
लोबिया घास का बीज
इसके साथ ही बीज सफेद, गुलाबी, भूरा या काला होते हैं। गर्मियों में पशुओं के लिए हरे चारे की किल्लत बढ़ जाती है ऐसे में इस समय पशुपालक लोबिया की बुआई करे तो पशुओं को आसानी से पौष्टिक हरा चारा उपलब्ध हो जाता है।
यह फसल खर-पतवार नष्ट करके मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाती है।
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