रांची। प्रदेश भाजपा में उथल-पुथल मची है। नाराज नेताओं के पार्टी छोड़ने से भाजपा नेताओं की टेंशन बढ़ गई है। अब क्राइसिस मैनेजमेंट के लिए भाजपा के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी 2 अप्रैल को रांची पहुंच रहे हैं।
दरअसल, प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी, दुमका सांसद सुनील सोरेन, गिरिडीह के पूर्व सांसद रवींद्र पांडेय और चतरा से टिकट की उम्मीद लगाए राजधानी यादव ने पार्टी की टेशन बढ़ा दी हैं।
2 अप्रैल को पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी रांची में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की ओर से घोषित सभी प्रत्याशियों और विक्षुब्धों के साथ बैठक करेंगे। दुमका से टिकट कटने के बाद सुनील सोरेन और उनके समर्थक निराश हैं।
खबर है कि इनके कई समर्थक झामुमो से संपर्क कर इनके लिए प्लेटफॉर्म तैयार कर रहे हैं। सुनील ने मेरठ जाकर प्रदेश चुनाव प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी से मिलकर उनके समक्ष अपनी बातें रखी हैं।
जमशेदपुर से टिकट नहीं मिलने के बाद कुणाल षाड़ंगी फिर से झामुमो में वापसी करनेवाले हैं। सोशल मीडिया पर वे अपने समर्थकों से इस पर राय मांग रहे हैं।
इस बीच लक्ष्मीकांत बाजपेयी और प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह ने फोन पर कुणाल से बात की है। दोनों नेताओं ने उन्हें आश्वस्त किया है कि भाजपा में ही उनका भविष्य सुरक्षित है।
गिरिडीह से भाजपा के टिकट पर पांच बार सांसद रहे रवींद्र पांडेय का टिकट 2019 में कटा था, तब गठबंधन के तहत यह सीट आजसू के खाते में गई थी। उस समय पांडेय काफी नाराज हुए थे, लेकिन पार्टी में ही रहे। विधानसभा चुनाव में उनके बेटे को भाजपा ने टिकट दिया था।
इस बार रवींद्र पांडेय को उम्मीद थी कि गिरिडीह सीट भाजपा के खाते में आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब जबकि, धनबाद से भाजपा ने ढुल्लू महतो को टिकट दिया है, तो रवींद्र पांडेय एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं रवींद्र पांडेय रविवार को रांची आनेवाले हैं, तब ही वो अपना पत्ता खोलेंगे।
इधर, चतरा के राजधानी यादव ने रांची में भाजपा कार्यालय के सामने धरना देकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर दी है। पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री ने बात कर उन्हें समझाया है। कुल मिलाकर भाजपा के अंदर के सब कुछ सामान्य नहीं है। कुछ और विस्फोट जल्द ही देखने को मिल सकते हैं।
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