Friday, July 4, 2025

आज झारखंड को 24 साल हो गए ,आइए जानते है इसके विकास और चुनौती के बारे में [Today Jharkhand has completed 24 years, let’s know about its development and challenges]

रांची। आज झारखंड 24 साल का हो गया है। अपनी अलग पहचान और आदिवासियों के लंबे संघर्ष के बाद 15 नवंबर, 2000 को बिहार से अलग हुआ झारखंड भारत के 28वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था।

आज 15 नवंबर को झारखंड के भगवान व राष्ट्रीय नायक कहे जाने वाले धरती बाबा यानी बिरसा मुंडा की जयंती भी है। झारखंड के निर्माण और उसकी पहचान में बिरसा मुंडा का एक एहम योगदान है। इसलिए बिरसा मुंडा के जयंती पर ही झारखंड का स्थापना दिवस मनाया जाता है। झारखंड खनिज संपदा का भंडार है।

“झार और खंड” दो शब्दों से मिलकर बना “झारखंड” का अर्थ है वन और भूमि। अपने पहाड़, जंगल और खनिजों से झारखंड जाना जाता है। आइए जानते हैं कि बिहार से अलग होने के बाद झारखंड कितना आगे है और कितना विकसित हो पाया है।

झारखंड का विकास

लंबी लड़ाई और संघर्ष के बाद 15 नवंबर को झारखंड बिहार से अलग हुआ था। 28वें राज्य की उपाधि मिलने के बाद झारखंड ने विकास कि ओर कई कदम बढ़ाएं हैं। झारखंड का क्षेत्रफल लगभग 79,716 वर्ग किलोमीटर है। जिसके कारण यह देश का 15वां बड़ा राज्य भी है। झारखंड में पांच प्रमंडलों में बंटे हुए कुल 24 जिले हैं।

झारखंड की भूमि खनिज संपदा से लबरेज है। स्टील, लोहा, तांबा, कोयला, अभ्रक, बॉक्साइट, यूरेनियम, ग्रेनाइट पत्थर, डोलोमाइट और चांदी जैसे मिनरल झारखंड को एक समृद्ध राज्य बनाता है। भारत के खनिज भंडार में झारखंड का हिस्सा 40 फीसदी है। खनिजों के प्रचुर मात्रा में होने के कारण ही भारत का सबसे पहला इंडस्ट्रियल सिटी भी झारखंड के जमशेदपुर शहर में स्थापित हुआ।

चुनौती

हालांकि, झारखंड के सामने अभी भी कई महत्वपूर्ण चुनौतियां है। पलायन, विस्थापन, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी और कुपोषण और असमानता अभी भी राज्य में है। भ्रष्टाचार और राजनीति झारखंड को बर्बाद कर रही है।

राज्य के गठन के समय इसके विकास का सपना अब राजनैतिक पार्टियों के लिए बस मुद्दा बन कर रह गया है। राज्य के कई क्षेत्रों में नक्सलियों का तांडव है।

स्वास्थ्य,शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने काम तो किए हैं लेकिन आज इसकी स्थिति भी बेहाल है. कई सरकारी अस्पताल की स्थिति दयनीय है। सड़कें तो हैं लेकिन जर्जर। बिजली-पानी की सुविधा मात्र 45 गांवों तक ही पहुंच पाई है।

अब भी कई सुदूर इलाके सुविधाओं की रोशनी की राह देख रहे हैं। कुल मिला कर देखा जाए तो झारखंड अभी पूरी तरह से विकसित नहीं है। विकास की रहो पर तो है लेकिन कब तक राज्य का विकास हो पाएगा ये कहना मुश्किल है।

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