सूरत: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि आर्थिक मोर्चे पर चीन से प्रतिस्पर्धा करने के लिए भारत को विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा प्रमुख क्षेत्र है जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2014 में सत्ता में आने से पहले की सरकारों ने नजरअंदाज किया था।
उन्होंने कहा कि चीन के साथ सीमा पर तनाव के चलते नयी दिल्ली-बीजिंग संबंधों में “विसंगति” पैदा हुई है और भारत की सोच बिलकुल स्पष्ट है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता नहीं होगी, तब तक दोनों एशियाई शक्तियों के बीच संबंधों में सुधार नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि चीन के साथ सीमा पर तनाव के चलते नयी दिल्ली-बीजिंग संबंधों में “विसंगति” पैदा हुई है और भारत की सोच बिलकुल स्पष्ट है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता नहीं होगी, तब तक दोनों एशियाई शक्तियों के बीच संबंधों में सुधार नहीं होगा।
जयशंकर ने सूरत में एक कार्यक्रम में उद्योग जगत के नेताओं के साथ चर्चा के दौरान कहा, ‘‘अगर हमें चीन से मुकाबला करना है, जो करना भी चाहिए, तो इसका समाधान यही है कि हम यहीं विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करें।
मोदी जी के सत्ता में आने के बाद विनिर्माण के प्रति हमारा दृष्टिकोण बदल गया है। इससे पहले लोग विनिर्माण पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे।’’
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