रांची। आजसू प्रमुख सुदेश महतो इस बार सिल्ली से चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं। इस बात की चर्चा रांची से दिल्ली तक हो रही है।
कयास लगाये जा रहे हैं कि वह इचागढ़ या टुंडी से आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसा इसलिए कि सुदेश महतो खुद ऐसा चाहते हैं। इसे लेकर आजसू पार्टी ने भी तैयारी कर ली है।
पार्टी का ज्यादा फोकस टुंडी विधानसभा पर ही है। यदि किसी वजह से बात नहीं बनी, तो फिर इचागढ़ विकल्प हो सकता है।
सुदेश महतो के इस फैसले के बाद टुंडी विधानसभा क्षेत्र में आगामी चुनाव में कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। यह क्षेत्र परंपरागत रूप से पिछले तीन-चार दशकों से झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ रहा है, लेकिन इस बार भाजपा आजसू पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो को मैदान में उतारकर इस सीट पर जीत हासिल करने की रणनीति बना रही है।
जेएमएम के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री मथुरा प्रसाद महतो तीन बार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं। मुकाबले को और दिलचस्प बनाने के लिए जयराम महतो ने भी ऐलान किया है कि यदि सुदेश महतो टुंडी से मैदान में उतरते हैं, तो वो भी वहां से चुनाव लड़ेंगे।
ऐसा हुआ तो टुंडी झारखंड की सबसे रोचक सीट बन जायेगी, जहां तीन टाइगरों की दहाड़ सुनाई देगी।
बीजेपी सुदेश के सहारे टुंडी सीट निकालने की फिराक मे
भाजपा सुदेश महतो की लोकप्रियता के सहारे इस सीट को हासिल करने की फिराक में दिख रही है। सुदेश महतो भी लगातार क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। वह कार्यकर्ताओं में जोश भी भर रहे हैं।
हालांकि, सुदेश महतो के सामने आसान चुनौती नहीं है। उन्हें न सिर्फ जेएमएम के कद्दावर नेता मथुरा प्रसाद महतो से टक्कर मिलनी है, बल्कि जयराम महतो की मौजूदगी से भी मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है। जयराम महतो टुंडी के स्थानीय निवासी हैं और क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है।
टुंडी का शिबू सोरेन से गहरा नाता
टुंडी विधानसभा क्षेत्र धनबाद जिले में आता है और गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। इसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता है।
टुंडी हमेशा से ही जेएमएम का गढ़ रहा है और पार्टी के संस्थापक शिबू सोरेन का यहां से गहरा नाता रहा है। झारखंड आंदोलन में भी टुंडी की अहम भूमिका रही है।
माना जाता है कि टुंडी में ही शिबू सोरेन ने विनोद बिहारी महतो के साथ मिलकर अलग झारखंड राज्य के गठन की रणनीति बनाई थी। बिनोद बिहारी महतो भी टुंडी से विधायक रह चुके हैं। उनके पुत्र भी यहां से विधायक रहे हैं।
टुंडी की राजनीति ट्रिपल एम पर आधारित
टुंडी विधानसभा की राजनीति ट्रिपल एम पर आधारित है। ट्रिपल एम का मतलब महतो, मांझी और मुस्लिम आबादी से है। बताया जाता है कि टुंडी की जनसंख्या में महतो, मांझी और मुस्लिम समुदाय का बहुमत है, जिसे ‘ट्रिपल एम’ के नाम से भी जाना जाता है।
इनमें से किन्हीं दो समुदायों का समर्थन किसी भी उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित कर सकता है। जेएमएम को हमेशा से ही इन समुदायों का समर्थन मिलता रहा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार टुंडी विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम आबादी करीब 17 प्रतिशत, महतो-कुर्मी की आबादी 15, मंडल 5 और मांझी की आबादी करीब 4 प्रतिशत है।
लोकसभा चुनाव 2024 में टुंडी में जेएमएम को बढ़त
बीते लोकसभा चुनाव में गिरिडीह संसदीय सीट से एनडीए में शामिल घटक दल आजसू पार्टी प्रत्याशी चंद्रप्रकाश चौधरी की जीत हुई, लेकिन इस संसदीय क्षेत्र में शामिल टुंडी विधानसभा सीट से जेएमएम को बढ़त मिली।
लोकसभा चुनाव में मथुरा प्रसाद महतो ही इंडिया अलायंस के प्रत्याशी थे और उन्होंने अपने टुंडी विधानसभा क्षेत्र में बढ़त बनाने में सफलता हासिल की।
लोकसभा चुनाव 2024 में टुंडी विधानसभा क्षेत्र का परिणाम
उम्मीदवार का नाम पार्टी प्राप्त मत
- चंद्रप्रकाश चौधरी आजसू पार्टी 72838
- मथुरा प्रसाद महतो जेएमएम 73771
- जयराम महतो निर्दलीय 59421
2019 में मथुरा प्रसाद महतो को मिली थी बड़ी जीत
2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम के मथुरा प्रसाद महतो ने भाजपा के विक्रम पांडे को भारी मतों से हराया था। महतो को 72,552 वोट मिले थे, जबकि पांडे को 46,893 वोट ही मिल पाए थे। आजसू उम्मीदवार राजकिशोर महतो को 15,921 वोट मिले थे।
वर्ष 2019 का विधानसभा चुनाव परिणाम
उम्मीदवार का नाम पार्टी प्राप्त मत
- मथुरा प्रसाद महतो जेएमएम 72552
- विक्रम पांडेय भाजपा 46893
- सबा अहमद जेवीएम 25547
- राजकिशोर महतो आजसू पार्टी 15946
वर्ष 2014 का विधानसभा चुनाव परिणाम
उम्मीदवार का नाम पार्टी प्राप्त मत
- राजकिशोर महतो आजसू पार्टी 55466
- मथुरा प्रसाद महतो जेएमएम 54340
- सबा अहमद झाविमो-प्रजा 45229
टुंडी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और जेएमएम का दबदबा
आजादी के बाद करीब 20 वर्षों तक टुंडी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा रहा। जबकि जनसंघ और बीजेपी के कद्दावर नेता रहे सत्यनारायण सिंह दुधानी ने भी इस सीट से तीन बार जीत हासिल की।
वहीं सबा अहमद ने एक बार कांग्रेस और एक बार जेएमएम टिकट पर जीत हासिल की। जबकि बिनोद बिहारी महतो ने दो और उनके पुत्र राजकिशोर महतो ने एक बार जीत हासिल की। जेएमएम टिकट पर मथुरा प्रसाद महतो ने भी सीट से तीन बार जीत हासिल की।
वर्ष 1952 से लेकर 2019 तक टुंडी से निर्वाचित विधायक
वर्ष उम्मीदवार का नाम पार्टी
- 1952 रामनारायण शर्मा (सामान्य) कांग्रेस
- 1952 टीकाराम मांझी कांग्रेस
- 1957 रामचंद्र प्रसाद शर्मा कांग्रेस
- 1962 रामनारायण शर्मा (जोड़ापोखर) कांग्रेस
- 1967 जी मिश्रा जेकेडी
- 1969 सत्यनारायण दुधानी बीजेएस
- 1972 सत्यनारायण सिंह कांग्रेस
- 1977 सत्यनारायण दुधानी जनता पार्टी
- 1980 बिनोद बिहारी महतो जेएमएम
- 1985 सत्यनारायण दुधानी बीजेपी
- 1990 बिनोद बिहारी महतो जेएमएम
- 1995 सबा अहमद जेएमएम
- 2000 सबा अहमद आरजेडी
- 2005 मथुरा प्रसाद महतो जेएमएम
- 2009 मथुरा प्रसाद महतो जेएमएम
- 2014 राजकिशोर महतो आजसू पार्टी
- 2019 मथुरा प्रसाद महतो जेएमएम
चंद्रप्रकाश चौधरी पर बीजेपी की उपेक्षा का आरोप
आजसू की स्थानीय इकाई में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर भाजपा कार्यकर्ताओं को तवज्जो दे रहे हैं।
ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सुदेश महतो इन चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं और क्या वह जेएमएम के इस अभेद गढ़ में भगवा परचम लहराने में कामयाब हो पाते हैं?
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