Shubhanshu Shukla:
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने गुरुवार शाम अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखा, जब एक्सिम स्पेस के AX-4 (Axiom Mission 4) ने सफलतापूर्वक आईएसएस के साथ शाम करीब 4 बजे डॉकिंग कर ली। इस मिशन में भारत के साथ-साथ पोलैंड, हंगरी और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। ह्यूस्टन स्थित एक्सिम स्पेस ने इस मिशन को कई बार स्थगित करने के बाद अंततः बुधवार दोपहर 12:01 बजे फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट के ज़रिए लॉन्च किया।
Shubhanshu Shukla: कौन कौन है शुभांशु शुक्ला के साथ इस मिशन में
इस मिशन में शुभांशु शुक्ला के साथ अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री और कमांडर पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज उज्नास्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू शामिल हैं। स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल में सवार यह टीम 24 घंटे से अधिक समय तक पृथ्वी की परिक्रमा करने के बाद आईएसएस से जुड़ी।
Shubhanshu Shukla: क्या है डॉकिंग ?
डॉकिंग, यानी किसी अंतरिक्ष यान का अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ना, एक बेहद संवेदनशील प्रक्रिया है जो पूरी तरह स्वचालित नियंत्रण से होती है। शुभांशु और उनकी टीम अगले 14 दिनों तक ISS पर रहकर कई वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लेंगे। इनमें खास तौर पर भारत के इसरो और डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी द्वारा तैयार पोषण और खाद्य अनुसंधान शामिल हैं।
शुक्ला, नासा और इसरो के सहयोग से माइक्रोग्रैविटी में मेथी और मूंग अंकुरण जैसे प्रयोग करेंगे। ये अध्ययन भविष्य में अंतरिक्ष में भोजन उत्पादन की दिशा में अहम साबित हो सकते हैं। इस मिशन के जरिए भारत ने निजी अंतरिक्ष यात्रियों की दुनिया में भी एक ऐतिहासिक कदम रखा है।
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