Sharda Sinha awarded Padma Vibhushan:
पटना, एजेंसियां। लोक गायिका शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है। छठ गीतों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाली शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा ने राष्ट्रपति भवन में यह सम्मान ग्रहण किया और इस पल को “गौरवपूर्ण लेकिन भावुक क्षण” बताया।
Sharda Sinha awarded Padma Vibhushan: आईएएनएस से किया बातचीत
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “यह गर्व का पल है, लेकिन दुख भी है कि मां आज हमारे बीच नहीं हैं। अगर उन्हें यह सम्मान पहले मिल जाता, तो शायद वे कुछ साल और जीवित रहतीं।” उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि लोक विधा के किसी कलाकार को तीनों पद्म पुरस्कार (पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण) मिले हैं, जो अपने आप में ऐतिहासिक है।
Sharda Sinha awarded Padma Vibhushan: राज्य सरकार पर जताई नाराजगी
अंशुमान सिन्हा ने राज्य सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि “जितना सम्मान केंद्र सरकार ने मां को दिया, उतना राज्य सरकार नहीं दे सकी।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि शारदा सिन्हा की स्मृति में बिहार सरकार को एक संग्रहालय या सांस्कृतिक केंद्र बनवाना चाहिए, ताकि उनकी विरासत को संभाला जा सके।
Sharda Sinha awarded Padma Vibhushan: भोजपुरी की आत्मा बचाकर रखें’
अंशुमान ने कलाकारों से अपील की कि “प्रयोग करें, लेकिन भोजपुरी और मैथिली की आत्मा के साथ छेड़छाड़ न करें। मां हमेशा यही कहती थीं।”
Sharda Sinha awarded Padma Vibhushan: शारदा सिन्हा: छठ की आत्मा
बता दें कि शारदा सिन्हा के बिना छठ पूजा की कल्पना अधूरी मानी जाती है। उन्होंने मैथिली, भोजपुरी और मगही में छठ गीतों को वैश्विक पहचान दिलाई। उनका निधन 5 नवंबर 2024 को छठ पूजा के पहले दिन हुआ था। भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण देने की घोषणा की थी।
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