Saudi Arabia:
नई दिल्ली, एजेंसियां। यमन के शिया चरमपंथी हूती विद्रोहियों और सऊदी अरब के बीच तनाव और बढ़ गया है। 9 अप्रैल को हूती समूह ने सऊदी अरब को चेतावनी दी, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि सऊदी अरब अमेरिका के साथ मिलकर यमन पर हमला करता है, तो वे सऊदी अरब के तेल ठिकानों को निशाना बनाएंगे।
हूतियों ने सोशल मीडिया पर सऊदी अरामको पर हुए हमलों की तस्वीरें साझा की और यह धमकी दी कि “अगर सऊदी अरब ने हमला किया, तो हम उसके आसमान को आग से भर देंगे और पूरी दुनिया इसे देखेगी।”
Saudi Arabia: पिछले दस वर्षों से चल रहा युद्ध
सऊदी अरब और हूतियों के बीच पिछले दस वर्षों से युद्ध चल रहा है, लेकिन सऊदी अरब इस शिया विद्रोह को पूरी तरह से दबाने में सफल नहीं हो सका। जब हूतियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा किया, तो सऊदी अरब ने शांति प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश की, लेकिन 2023 में इजरायल पर हमले के बाद यह प्रक्रिया रुक गई।
Saudi Arabia: हूतियों के खिलाफ सैन्य के खिलाफ विदेशों में अभियान तेज
इसके अलावा, अमेरिका और पश्चिमी देशों ने हूतियों के खिलाफ सैन्य अभियान तेज किया है, क्योंकि हूतियों ने लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों पर हमले शुरू कर दिए थे। अमेरिकी सेना 15 मार्च 2025 से हूती ठिकानों पर हमले कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि सऊदी अरब, अमेरिका के साथ अपने पुराने सैन्य रिश्तों के कारण इस अभियान में चुपचाप शामिल हो सकता है।
यह स्थिति सऊदी अरब के लिए गंभीर हो सकती है, खासकर जब उसकी सबसे बड़ी चिंता अपनी तेल सुविधाओं की सुरक्षा है। अगर सऊदी अरब इस संघर्ष में अमेरिका का साथ देता है, तो यह इजरायल का समर्थन करने जैसा माना जाएगा।
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