रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने जमशेदपुर के निर्दलीय विधायक सरयू राय की उस क्रिमिनल रिट को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने मेनहर्ट घोटाला की जांच की मांग की थी।
केस से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने 22 जून को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
अदालत के इस फैसले से सरयू राय को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आनंद सेन की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई।
बता दें कि निर्दलीय विधायक सरयू राय झारखंड विधानसभा में भी ‘मेनहर्ट’ का मुद्दा उठा चुके हैं।
सरयू राय ने बताया कि झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद रांची के कुछ समाजसेवी की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दी गई, जिसमें कोर्ट ने 2003 में अहम आदेश दिया है।
इसमें प्रदेश सरकार को राजधानी रांची में भी सीवरेज-ड्रेनेज प्रणाली विकसित करने के लिए कहा था।
उस आदेश के बाद तत्कालीन नगर विकास मंत्री बच्चा सिंह के आदेशानुसार परामर्शी बहाल करने के लिए टेंडर निकाल कर दो परामर्शियों का चयन किया गया।
पर इसी बीच सरकार बदल गई। 2005 में अर्जुन मुंडा सरकार में नगर विकास मंत्री रघुवर दास बनाए गए।
उन्होंने डीपीआर फाइनल करने के लिए 31 अगस्त को बैठक की। इसमें फैसला हुआ कि पहले से चयनित परामर्शी को हटा दिया जाए। बाद में ये मामला हाईकोर्ट में भी गया।
21 करोड़ खर्च, पर कोई काम नहीं हुआ
आरोपों के मुताबिक, इसपर तकरीबन 21 करोड़ रुपए खर्च हुए, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ।
इसकी जांच भी कराई गई, लेकिन जांच रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। राजधानी रांची में सिवरेज-ड्रेनेज निर्माण के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए जिस मैनहर्ट को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया, उसमें अनियमतता का आरोप है।
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