जमशेदपुर। जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला रोचक होगा। जमशेदपुर पूर्वी के वर्तमान विधायक और हाल ही में जदयू में शामिल हुए सरयू राय एनडीए के प्रत्याशी के रूप में यहां मैदान में उतर रहे हैं।
उनका सीधा मुकाबला झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से होगा, जो कांग्रेस प्रत्याशी होंगे। 2009 में बन्ना गुप्ता ने यहां से विधायक बनने के लिए सरयू राय को हराया था, 2014 के विधानसभा चुनाव में सरयू राय ने बन्ना गुप्ता को शिकस्त दी थी, अब सरयू राय की जमशेदपुर पश्चिम में वापसी ने फिर से समीकरण बदल दिए हैं।
जमशेदपुर पश्चिमी का राजनीतिक समीकरणः
2019 में रघुवर दास के खिलाफ जमशेदपुर पूर्वी से बगावत कर चुनाव जीतने वाले सरयू राय अब पश्चिम की ओर रुख कर चुके हैं। इससे इस सीट पर राजनीतिक तापमान बढ़ गया है।
बीजेपी के अन्य दावेदारों, खासकर विकास सिंह, के बीच भी आंतरिक खींचतान देखने को मिल रही है। विकास सिंह ने 2019 में भी टिकट की मांग की थी, लेकिन उन्हें तब टिकट नहीं मिला था लेकिन फिर भी उन्होंने मैदान नहीं छोड़ा मेहनत करते रहे है, उन्होंने वर्तमान विधायक बन्ना गुप्ता के खिलाफ भी कई आंदोलन किए है।
मुस्लिम वोट का रुझान तय करता है विजेताः
जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा में लगभग 50,000 से ज्यादा मुस्लिम वोटर है। इस चुनाव में पूर्व झामुमो नेता और हाल ही में एआईएमआईएम ज्वाइन करने वाले बाबर खान भी मैदान में उतर रहे हैं। उनके चुनाव लड़ने से बन्ना गुप्ता के मुस्लिम वोट बैंक पर असर पड़ने की संभावना है, जिससे मुकाबला और कड़ा हो सकता है।
बाबर खान के आईएमआईएम से जुड़ने और चुनाव लड़ने की घोषणा ने मुस्लिम वोटरों को एक विकल्प दे दिया है जिससे बन्ना गुप्ता के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
सरयू और बन्ना के बीच व्यक्तिगत अदावत भीः
जमशेदपुर पश्चिम का यह चुनावी मुकाबला बन्ना गुप्ता और सरयू राय के बीच व्यक्तिगत और राजनीतिक संघर्ष का प्रतीक बन गया है।
दोनों नेताओं के बीच पुरानी अदावत और नए समीकरणों ने इस सीट को हॉटस्पॉट बना दिया है, और देखना दिलचस्प होगा कि अंततः कौन विजयी होता है।