Sarna Dharma Code:
रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सरना धर्म कोड की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा तैयार की है। पहले चरण के आंदोलन में 27 मई को पार्टी के नेताओं ने जिला मुख्यालय में प्रदर्शन कर सरना धर्म कोड की मांग का ज्ञापन डीसी को सौंपा। राज्य के सभी 24 जिलों में चले इस आंदोलन में पार्टी के मंत्री, विधायक, सांसद से लेकर सभी बड़े नेता शामिल हुए। अब पार्टी अगले चरण के आंदोलन की तैयारी में जुट गई है।
Sarna Dharma Code: 5 जून को होगा अगला आंदोलनः
झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव और पार्टी प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य के अनुसार 27 मई को राज्य भर में हुए आंदोलन के बाद डीसी के जरिये राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा था और उसी समय इसकी घोषणा कर दी गई थी कि पार्टी सरना धर्म कोड की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन करेगी। अब यह तय हुआ है कि रांची के राजभवन के समक्ष धरना देकर राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस दौरान रांची और आसपास के जिलों के झामुमो के बड़े नेता, विधायक, मंत्री और हज़ारों की संख्या में समर्पित कार्यकर्त्ता शामिल होंगे।
Sarna Dharma Code: सीएम हेमंत भी सरना धर्म कोड की लड़ाई में सड़क पर उतर सकते हैः
जानकारी के अनुसार 5 जून को सरना धर्म कोड की मांग को लेकर राजभवन के पास जो प्रदर्शन होगा उसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हो सकते हैं और राज्यपाल से मिलकर इससे संबंधित ज्ञापन भी सौंप सकते हैं। बता दें कि हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष भी हैं।
Sarna Dharma Code: क्या है सरना धर्म कोडः
आसान भाषा में आप सरना धर्म कोड को ऐसे समझ सकते हैं कि जब देश में जनगणना होता है तो जनगणना रजिस्टर में धर्म के लिए अलग – अलग कॉलम होते हैं। जैसे हिंदू धर्म का 1, मुस्लिम का 2, ईसाई धर्म का 3 है। इसी तरह छह अलग – अलग धर्म के लिए कॉलम है। अब इसी तरह आदिवासी समाज और झारखंड मुक्ति मोर्चा सरना धर्म के लिए भी अलग कोड और कॉलम की मांग कर रहा है, ताकि वह अपने धर्म के बारे में जब बताये तो सरना धर्म कोड के कॉलम पर क्लिक कर सकें।
अगर केंद्र सरकार सरना धर्म के लिए अलग कोड की मांग मान लेती है तो हिंदू, मुस्लिम की तरह सरना भी एक अलग धर्म बन जाएगा।बताते चलें कि आदिवासी अपनी अलग पहचान के लिए सरना धर्म कोड की मांग कर रहे हैं।
Sarna Dharma Code: झारखंड सरकार ने सरना धर्म कोड को लेकर अब तक क्या-क्या कियाः
सरना धर्म कोड की मांग झामुमो और इंडिया गठबंधन की सरकार का चुनावी मेनिफेस्टो का हिस्सा रहा है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पहले कैबिनेट से पास हुआ। उसके बाद इसके लिए झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाकर सरना धर्म कोड का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया और उसे केंद्र को भेजा गया। फ़िलहाल यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास लंबित है।
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