RBI:
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक आज से गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में शुरू हो गई है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि रेपो रेट में चौथी बार भी कटौती होगी या नहीं। साल 2025 में अब तक RBI तीन बार में कुल 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर चुका है और वर्तमान में रेपो रेट 5.50% है। आगामी 6 अगस्त को इस बैठक का निर्णय सामने आएगा, जिस पर आम आदमी, निवेशक और बैंकिंग सेक्टर की निगाहें टिकी हैं।
विशेषज्ञों का मानना है
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार RBI रेपो रेट को यथावत रख सकता है क्योंकि हाल के महीनों में महंगाई दर नियंत्रित रही है और घरेलू मांग में स्थिरता दिख रही है। लेकिन वैश्विक स्तर पर बढ़ी अनिश्चितताएं, खासकर अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए 25% टैरिफ, आर्थिक वातावरण को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे रिजर्व बैंक सतर्क हो गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस का कहना है कि जून में महंगाई कम होने और अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक किसी नए कटौती कदम से पहले थोड़ा इंतजार कर सकता है।
RBI पहले ही ब्याज दरों में कटौती
कुछ विश्लेषकों का यह भी मानना है कि RBI पहले ही ब्याज दरों में पर्याप्त कटौती कर चुका है, अब उस कटौती के प्रभाव का आकलन किया जाएगा। महंगाई दर को लेकर पूरे साल के अनुमान में 0.1–0.2% की गिरावट संभव है, जिससे यह 3.5–3.6% के बीच आ सकती है, जो RBI के 4% के लक्ष्य से नीचे है। इसके बावजूद, केयरएज रेटिंग्स सहित कई संस्थाएं मानती हैं कि फिलहाल और कटौती की संभावना नहीं है और मौद्रिक नीति में स्थिरता बरकरार रखी जाएगी।
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