रांची। मुसलमान – आदिवासी एकता मंच के राष्ट्रीय संयोजक सैयद दानियाल दानिश ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का ऑनलाइन मुकदमा दर्ज कराया है।
बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ हाईकोर्ट में मुकदमा लड़ने वाले सैयद दानियाल दानिश ने अपनी ऑनलाइन शिकायत में लिखा है कि मैं भारत का जिम्मेदार और जागरूक नागरिक हूं। झारखंड की जनता के हित में लड़ाई लड़ता हूं।
![झारखंड में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और अखिलेश यादव पर ऑनलाइन एफआईआर दर्ज [Online FIR lodged against Bengal CM Mamata Banerjee and Akhilesh Yadav in Jharkhand] 1 WhatsApp Image 2024 07 23 at 4.38.27 PM 1](https://idtvindradhanush.com/wp-content/uploads/2024/07/WhatsApp-Image-2024-07-23-at-4.38.27-PM-1-473x1024.jpeg)
वर्तमान में बांग्लादेशी घुसपैठियों को झारखण्ड से बाहर निकालने के लिए झारखण्ड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर घुसपैठियों को चिन्हित कर उन्हें देश से बाहर कराने का आदेश पारित करवाया है।
कल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली कि कोलकाता के शहीद दिवस रैली में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा उतर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खुले मंच से बांग्लादेशियों को बंगाल में शरण देने की घोषणा की है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार उन्होंने कहा है कि “पश्चिम बंगाल के दरवाजे संकट में आये बांग्लादेशियों के लिए सदा खुले हुए हैं।
हमें बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति से संबंधित मामलों को उकसाना नहीं चाहिए। अगर बांग्लादेशी हमारे दरवाजे पर आयेंगे, तो हम उन्हें शरण देंगे”।
दानिश ने FIR में लिखा है कि पूरा बंगाल, असम और झारखंड अवैध बांग्लादेशियों से परेशान है। झारखण्ड के संथाल में लैंड जिहाद और लव जिहाद के माध्यम से राज्य के लोकल आदिवासियों की जमीन और इज्जत लूट रहे है।
वहीं लोकल मुसलमानों और आदिवासियों के बीच अपने कृत्य के कारण नफरत और अशांति भी पैदा कर रहे हैं।
एक चुनी हुई मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा खुले मंच से बांग्लादेशियों को भारत में बुलाना उन्हें आमंत्रित करना देशद्रोह है।
इसलिए इन दोनों माननीयों पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाए। मुस्लिम – आदिवासी एकता मंच के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि किसी भी कीमत पर हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे की देश की जनता के हक में चुने गए जनप्रतिनिधि विदेशियों को खुलेआम देश में रहने के लिए आमंत्रित करें और उन्हें अपना वोट बैंक बनाये। देश की जनता की लाचारी उन्हें शर्मिंदा क्यों नहीं करती यह ताजुब की बात है।
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