भाजपा अध्यक्ष का विकल्प भी खुला
नई दिल्ली, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में पिछले कार्यकाल में लोकसभा अध्यक्ष रहे ओम बिरला को जगह नहीं दी गई है।
माना जा रहा था कि स्पीकर का कार्यकाल पूरा करने के बाद बिरला को कैबिनेट में जगह मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं होने से अब उनके भविष्य को लेकर कई तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं।
सूत्रों के मुताबिक बिरला के लिए बड़ी भूमिका वाले रास्ते अभी भी खुले हुए हैं। मोदी मंत्रिमंडल के गठन के बाद संभावना बनी है कि ओम बिरला एक बार फिर लोकसभा अध्यक्ष बनेंगे।
बिरला मोदी और शाह के नजदीकी माने जाते हैं और स्पीकर के संवैधानिक पद पर रहते हुए उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए, जो अपने आप में रिकॉर्ड हैं।
विरोधी दलों में भी अच्छी पैठ
अपनी कार्यशैली के कारण भाजपा सहित विरोधी दलों में भी उनकी अच्छी पैठ है।
भाजपा इस बार पूर्ण बहुमत में नहीं है, इसलिए मोदी-शाह भी अपने विश्वासपात्र को ही लोकसभा अध्यक्ष बनाना चाहेंगे। इस चॉइस में भी बिरला खरे उतरते हैं।
सहयोगी दल मांग रहे स्पीकर का पद
हालांकि भाजपा का पूर्ण बहुमत में न आना ही उनके अध्यक्ष बनने में रोड़ा भी साबित हो सकता है, क्योंकि सहयोगी दल स्पीकर पद की मांग कर रहे हैं।
एक नया रिकॉर्ड बना सकते हैं बिरला
बिरला यदि दूसरी बार फिर लोकसभा अध्यक्ष बनाए जाते हैं और वे इस पद पर अपना दूसरा कार्यकाल भी पूरा कर लेते हैं, तो उनके नाम एक रिकॉर्ड और दर्ज हो सकता है।
साढ़े तीन दशक पहले लगातार दो बार चुने जाने और कार्यकाल पूरा करने वाले बलराम जाखड़ एक मात्र लोकसभा अध्यक्ष रहे हैं।
जीएम बालयोगी, पीए संगमा जैसे नेता दो बार लोकसभा अध्यक्ष तो बने, लेकिन पूरे 5-5 साल के कार्यकाल पूरे नहीं किए।
बलराम जाखड़ ने साल 1980 से 1985 और 1985 से 1989 तक अपने दोनों कार्यकाल पूरे किए।
भाजपा अध्यक्ष को लेकर चर्चा
उधर जेपी नड्डा को मोदी 3.0 में जेपी नड्डा को शामिल किये जाने के साथ ही भाजपा अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।
कहा जा रहा है कि यदि ओम बिड़ला स्पीकर का पद छोड़ते हैं, तो उन्बें बीजेपी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी मिल सकती है।
इसे भी पढ़ें