कोलकाता, एजेंसियां। संदेशखाली केस में घिरे पार्टी के नेता, करप्शन के आरोप में ED की रेड, गुंडागर्दी के आरोप, इन सबके बावजूद पश्चिम बंगाल में ममता अडिग हैं।
उनकी पार्टी TMC ने 29 सीट जीती हैं। 2019 के चुनाव में पार्टी को 22 सीटें मिली थीं।
वहीं, BJP बड़े नेताओं की रैलियों और आक्रामक प्रचार के बावजूद सिर्फ 12 सीटों पर सिमट गई है।
2019 में उसे 18 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को एक सीट मिली है। कांग्रेस के साथ अलायंस में चुनाव लड़ रही CPI(M) के हिस्से एक भी सीट नहीं आई।
ममता के सामने BJP की स्ट्रैटजी फेल
पश्चिम बंगाल को जीतने के लिए BJP ने इस बार हर मुमकिन स्ट्रैटजी अपनाई। PM मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, मिथुन चक्रवर्ती और हिमंता बिस्वा सरमा समेत पार्टी के नेताओं की रैली हुई।
चुनाव से चंद महीने पहले संदेशखाली, CAA-NRC और राममंदिर के मुद्दे को भुनाने की कोशिश की गई।
ममता सरकार के मंत्रियों और विधायकों पर ED की रेड, OBC आरक्षण से मुसलमानों को हटाना और हिंदुत्व जैसे मुद्दे BJP के लिए असरदार साबित नहीं हुए।
इस बार BJP संदेशखाली के जरिए SC-ST वोटरों को अपनी तरफ लाना चाहती थी। हालांकि ऐसा वोटों में तब्दील होता नहीं दिखा।
बल्कि BJP के पुराने वोटर भी TMC की तरफ चले गए।
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