नई दिल्ली, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में संपन्न हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में विभिन्न देशों के नेताओं को भारतीय कला और हस्तशिल्प की अनोखी कलाकृतियां भेंट कीं।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को झारखंड के हजारीबाग की प्रसिद्ध सोहराई पेंटिंग भेंट की गई, जो प्राकृतिक रंगों और पारंपरिक साधनों से बनाई जाती है।
इसमें टहनियों, उंगलियों और चावल के भूसे से बने ब्रश का उपयोग कर जटिल डिजाइनों के माध्यम से आदिवासी जीवन, पशु-पक्षी और प्रकृति के प्रति श्रद्धा को दर्शाया जाता है।
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान को महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों के कारीगरों द्वारा निर्मित ‘मदर ऑफ पर्ल’ (सी-शेल) का फूलदान उपहार में दिया गया, जो शिल्पकला का बेहतरीन उदाहरण है।
उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव को महाराष्ट्र की पारंपरिक वारली पेंटिंग दी गई, जिसमें बुनियादी ज्यामितीय आकृतियों के माध्यम से आदिवासी जीवन और त्योहारों को चित्रित किया गया है।
वारली कला, जो करीब 5,000 साल पुरानी मानी जाती है, 2014 में भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग प्राप्त कर चुकी है और इसकी शैली दुनिया भर में विख्यात है।
अधिकारियों ने बताया कि इन उपहारों से भारत की सांस्कृतिक विविधता और कला की धरोहर को प्रदर्शित किया गया।
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