नई दिल्ली,एजेंसियां: नीट पेपर लीक विवाद के बाद केंद्र सरकार ने कार्रवाई करते हुए एनटीए के डायरेक्टर जनरल पद से सुबोध कुमार सिंह को हटा दिया है। फिलहाल उनकी जगह प्रदीप सिंह खरोला को नया डायरेक्टर बनाया गया है।
नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा को भी स्थगित कर दिया और एनटीए के महानिदेशक सुबोध सिंह को हटाते हुए मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में धांधली की जांच सीबीआई को सौंप दी।
वहीं मामले में शिक्षा मंत्रालय ने एजेंसी के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए पूर्व इसरो प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय पैनल का गठन किया है।
लेकिन इस सब के बीच कांग्रेस की तरफ से केंद्र सरकार पर जुबानी हमले लगातार जारी है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के बाद राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी में नौकरशाही में फेरबदल को लेकर निशाना साधा और कहा कि इस धांधली की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के शीर्ष अधिकारियों पर है।
शिक्षा व्यवस्था में शिक्षा माफिया ने की घुसपैठ- खरगे
मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी एक को एक स्वायत्त निकाय के रूप में पेश किया गया था, लेकिन वास्तव में इसे भाजपा और आरएसएस के कपट हितों की सेवा के लिए बनाया गया था।
मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा कि नीट-पीजी की परीक्षा स्थगित कर दी और पिछले 10 दिनों में सभी चार परीक्षाओं को रद्द या स्थगित किया गया है।
पेपर लीक, भ्रष्टाचार, धांधली और शिक्षा माफिया ने हमारे शिक्षा व्यवस्था में घुसपैठ कर ली है।
जिसके बाद अब इस कार्रवाई का कोई मतलब और महत्व नहीं है क्योंकि अभी भी अनगिनत युवा पीड़ित हैं।
उन्होंने आगे लिखा नीट घोटाले की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के शीर्ष अधिकारियों के दरवाजे पर रुकती है।
लेकिन इस घोटले के बाद नौकरशाहों को हटाना भाजपा की बर्बाद की शिक्षा व्यवस्था की समस्या का समाधान नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि छात्रों को न्याय दिलाने के लिए मोदी सरकार को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
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