लखनऊ, एजेंसियां। उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए 2024 के सत्संग भगदड़ कांड के संबंध में जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। आयोग ने रिपोर्ट में आयोजकों और पुलिस-प्रशासन की लापरवाही को प्रमुख कारण माना और आरोप लगाया कि सुरक्षा उपायों की गंभीर चूक के कारण यह घटना घटी। हालांकि, भोले बाबा को इस घटना में क्लीन चिट मिल गई है।
जांच रिपोर्ट में हुई बड़ी खुलासे:
आयोजकों की लापरवाही: आयोजकों ने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया और स्थल पर भीड़ की संख्या अधिक होने के बावजूद पर्याप्त इंतजाम नहीं किए।
पुलिस-प्रशासन की लापरवाही: पुलिस ने कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए, जिससे भगदड़ मचने की स्थिति बनी।
घटना का कारण: अगर प्रशासन और पुलिस ने समय रहते उचित कदम उठाए होते, तो यह हादसा टाला जा सकता था।
आयोग के सुझाव:
पुलिस निरीक्षण: भविष्य में बड़े आयोजनों से पहले पुलिस अधिकारियों द्वारा स्थल का व्यक्तिगत निरीक्षण अनिवार्य किया जाए।
अनुमति की शर्तों का पालन: आयोजकों द्वारा ली गई अनुमति की शर्तों का कड़ाई से पालन कराया जाए।
क्राउड कंट्रोल: आयोजनों में विशेष क्राउड कंट्रोल उपाय लागू किए जाएं।
भगदड़ में हुई थी 121 श्रद्धालुओं की मौत:
हाथरस के फुलवाई गांव में 2 जुलाई 2024 को हुई इस भगदड़ में 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और 30 से अधिक लोग घायल हो गए थे। कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते हुए यह सामने आया कि आयोजकों ने पुलिस से श्रद्धालुओं की सही संख्या छुपाई थी, जिसके कारण कार्यक्रम स्थल पर अधिक भीड़ जमा हो गई।
आयोग का गठन:
राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए उच्च न्यायालय के रिटायर जज बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक न्यायिक जांच आयोग गठित किया था, जिसमें रिटायर आईपीएस अधिकारी भावेश कुमार सिंह और रिटायर आईएएस हेमंत राव को सदस्य बनाया गया था।
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