Bakrid 2025:
नई दिल्ली, एजेंसियां। ईद-उल-अजहा या बकरीद इस वर्ष शनिवार, 7 जून 2025 को मनाई जा रही है। यह त्योहार हज़रत इब्राहिम की अल्लाह के प्रति निष्ठा और बलिदान की याद में मनाया जाता है। इस दिन मुसलमान जानवर की कुर्बानी देते हैं, जो केवल एक धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि अल्लाह के प्रति समर्पण और श्रद्धा का प्रतीक मानी जाती है।
Bakrid 2025:मोहम्मद अहमद रिजवी के अनुसार
मौलाना कारी मोहम्मद अहमद रिजवी के अनुसार, कुर्बानी के दौरान यह कहना ज़रूरी होता है: “बिस्मिल्लाह अल्लाहू अकबर”। यह वाक्य अल्लाह के नाम पर जानवर को कुर्बान करते समय बोला जाता है और इसके बिना कुर्बानी धार्मिक रूप से अधूरी मानी जाती है।
Bakrid 2025:भारत में कुर्बानी को लेकर विवाद
हालांकि इस बार भारत में कुर्बानी को लेकर विवाद पैदा हो गया है। कई हिंदू संगठनों ने खुले या सार्वजनिक स्थलों पर कुर्बानी का विरोध किया है और कुछ मामलों में प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी का भी आरोप लगाया गया है। इसके मद्देनज़र दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में सरकारों ने एडवाइजरी जारी कर दी है, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर कुर्बानी पर रोक लगाने की बात कही गई है।
Bakrid 2025:इमामों और मौलानाओं ने भी मुस्लिम समुदाय से की अपील
कई इमामों और मौलानाओं ने भी मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि वे कुर्बानी खुले में या सड़कों पर न दें, ताकि सामाजिक सौहार्द बना रहे और किसी की धार्मिक भावना आहत न हो।
इसे भी पढ़ें
Bakrid : ईद-उल-अजहा का चांद नजर आया, 7 जून को मनाई जाएगी बकरीद