Allahabad High Court :
इलाहाबाद, एजेंसियां। महाकुंभ मेले के दौरान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या की रात हुए भगदड़ मामले में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिजनों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति संदीप जैन की खंडपीठ ने उदय प्रताप सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार के रवैये को ‘अस्थिर’ और ‘नागरिकों की पीड़ा के प्रति उदासीन’ करार दिया है।
Allahabad High Court :क्या है मामला ?
मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज के संगम तट पर हुए इस भगदड़ में आधिकारिक तौर पर 30 लोगों की मौत हुई थी और 90 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस दुखद घटना के बाद यूपी सरकार ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी। बावजूद इसके अब तक मुआवजा वितरित नहीं किया गया है, जिससे परिजनों में निराशा व्याप्त है।
Allahabad High Court : सरकार से तेजी से मुआवजे की मांग
इलाहाबाद हाईकोर्ट की अवकाश पीठ ने इस देरी को गंभीरता से लिया और सरकार से तेजी से मुआवजे की राशि भुगतान करने को कहा है ताकि पीड़ित परिवारों को राहत मिल सके। न्यायालय ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द मुआवजा नहीं दिया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला न केवल मुआवजे की देरी का है, बल्कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी और संवेदनशीलता पर भी सवाल उठाता है। न्यायालय की सख्त टिप्पणी से स्पष्ट है कि जनता की सुरक्षा और न्याय प्राथमिकता होनी चाहिए।
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