Mumbai kidnapping case:
मुंबई, एजेंसियां। मुंबई के पॉवई स्थित रा स्टूडियो में हुए अपहरण मामले ने फिल्म इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया है। गुरुवार को एक सिरफिरे व्यक्ति ने फर्जी ऑडिशन के बहाने 17 बच्चों समेत 20 कलाकारों को बंधक बना लिया था। हालांकि, मुंबई पुलिस की तत्परता से सभी को सुरक्षित बचा लिया गया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना के बाद फिल्म उद्योग में सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर चिंता गहराई है।
AICWA ने की जांच की मांग
ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन (AICWA) ने इस घटना को बॉलीवुड के इतिहास का “सबसे चिंताजनक मामला” बताया है। संगठन के अध्यक्ष सुरेश श्यामलाल गुप्ता ने महाराष्ट्र सरकार से उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि बिना वैध अनुमति के इतने बड़े स्टूडियो में फर्जी ऑडिशन कैसे आयोजित हो सकता है। उन्होंने सवाल उठाया कि आयोजकों को कलाकारों का व्यक्तिगत डेटा और संपर्क जानकारी आखिर कहां से मिली।
‘हर कलाकार की सुरक्षा खतरे में’
गुप्ता ने कहा कि मुंबई में रोजाना सैकड़ों ऑडिशन होते हैं और हजारों युवा अपने सपनों को साकार करने आते हैं। “अगर इस तरह के अपराध ड्रीम सिटी में हो सकते हैं, तो हर कलाकार की सुरक्षा खतरे में है,” उन्होंने कहा। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सभी स्टूडियो, कास्टिंग एजेंसियों और प्रोडक्शन हाउस के लाइसेंस और पंजीकरण की जांच कराने की अपील की।
फर्जी कास्टिंग एजेंसियों पर लगाम की जरूरत
AICWA ने राज्य के गृह विभाग से आग्रह किया है कि किसी भी ऑडिशन या कास्टिंग इवेंट के लिए अनिवार्य सत्यापन प्रक्रिया लागू की जाए। संगठन ने कहा कि कई फर्जी एजेंसियां सोशल मीडिया पर युवाओं को झूठे सपनों के जरिए फंसाती हैं और पैसे ठगती हैं। उन्होंने उभरते कलाकारों से अपील की कि वे किसी भी ऑडिशन से पहले संस्था की साख और वैधता की पुष्टि करें।
गुप्ता ने कहा, “यह सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि मुंबई फिल्म इंडस्ट्री की साख पर हमला है। सरकार को पारदर्शी जांच करनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी अपराधी बॉलीवुड के नाम का दुरुपयोग न कर सके।”
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