AI stethoscope:
नई दिल्ली, एजेंसियां। अब डॉक्टरों के लिए स्टेथेस्कोप में Artificial Intelligence (AI) का इस्तेमाल शुरू हो गया है, जिससे मरीजों की जांच पहले से कहीं तेज और सटीक हो सकेगी। AI पावर्ड स्टेथेस्कोप सिर्फ 15 सेकेंड में हार्ट, फेफड़ों और अन्य अंगों से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों का पता लगा सकता है।
कैसे काम करता है AI स्टेथेस्कोप?
इस स्मार्ट डिवाइस में लगे सेंसर और AI एल्गोरिदम मरीज की सांस की आवाज रिकॉर्ड करते हैं और तुरंत उसकी जांच कर बताते हैं कि हार्ट मुरमुर, एंजाइना, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, न्यूमोनिया जैसी बीमारियां हैं या नहीं।
कौन-कौन सी बीमारियां पहचानता है?
हार्ट की समस्याएं: हार्ट मुरमुर, हार्ट फेल्योर, एंजाइना
सांस से जुड़ी बीमारियां: अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों में पानी
ब्लड सर्कुलेशन की दिक्कतें: हाई ब्लड प्रेशर, ब्लॉकेज
इन्फेक्शन व सूजन: न्यूमोनिया, फेफड़ों की सूजन
विशेषज्ञ की राय
विशेषज्ञ के मुताबिक, AI स्टेथेस्कोप डॉक्टरों की मदद करता है लेकिन उनकी जगह नहीं ले सकता। यह तकनीक खासकर दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में बेहद उपयोगी साबित होगी।
भविष्य की संभावनाएं
AI के साथ हेल्थकेयर और भी स्मार्ट होगा, रियल-टाइम मॉनिटरिंग, ऑटोमेटिक रिपोर्टिंग और जल्दी इलाज संभव होगा। इस तकनीक से मरीजों की जान बचाने में मदद मिलेगी।यह AI स्टेथेस्कोप हेल्थकेयर में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला है, जो बीमारियों की पहचान अब तक के मुकाबले कई गुना तेज और सटीक करेगा।
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