Nanobots:
नई दिल्ली, एजेंसियां। जैसे-जैसे तकनीक में विकास हो रहा है, रोबोट्स का इस्तेमाल अब केवल अंतरिक्ष तक ही सीमित नहीं रहा। अब ये हमारे घरों के कामों से लेकर चिकित्सा क्षेत्र तक में अपनी जगह बना रहे हैं। इसी दिशा में एडिनबरा विश्वविद्यालय (स्कॉटलैंड) के वैज्ञानिकों ने नैनोबॉट्स नामक एक नई और बेहद उन्नत तकनीक की खोज की है। यह नैनोबॉट्स शरीर में इंजेक्ट किए जा सकते हैं और इंसान के रक्त वाहिकाओं के माध्यम से जटिल कार्यों को आसानी से अंजाम दे सकते हैं।
Nanobots: नैनोबॉट्स कैसे काम करते हैं?
इन नैनोबॉट्स को मैग्नेटिक प्रॉपर्टीज के साथ तैयार किया गया है, जिससे इन्हें शरीर के अंदर एक विशिष्ट स्थान तक पहुंचाया जा सकता है। इन बॉट्स को रक्त को जमा देने वाली दवाओं से बनाया गया है, और इनमें एक खास कोटिंग दी गई है, जो एक निश्चित तापमान पर पिघलकर दवा छोड़ती है। वैज्ञानिक इन नैनोबॉट्स को शरीर की नसों में इंजेक्ट करते हैं और फिर मेडिकल इमेजिंग और मैग्नेटिक फील्ड्स की मदद से उन्हें सही स्थान तक पहुंचाया जाता है। एक बार जब ये बॉट्स सही स्थान तक पहुंच जाते हैं, तो इनका तापमान बढ़ाकर दवा को उस स्थान पर छोड़ दिया जाता है, जहां इसकी आवश्यकता होती है।
यह शोध विशेष रूप से दवाओं की डिलीवरी के लिए लाभकारी हो सकता है, लेकिन इसके और भी संभावित उपयोग हैं। इन नैनोबॉट्स का प्रयोग भविष्य में शरीर के अंदर से डेटा इकट्ठा करने, विचारों का ट्रांसमिशन करने, और यहां तक कि विचारों को नियंत्रित करने के लिए भी हो सकता है।
Nanobots: चीन और पाकिस्तान में नैनोबॉट्स का दुरुपयोग?
हालांकि नैनोबॉट्स तकनीक के लाभ बहुत हैं, लेकिन इसके साथ ही एक खतरनाक पहलू भी है। अगर इसका दुरुपयोग किया जाता है, तो यह किसी व्यक्ति के विचारों को नियंत्रित करने या उनकी याददाश्त को मिटाने के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है। चीन ने पहले भी इस तकनीक का उपयोग सर्जरी में डॉक्टर्स को मदद देने के लिए किया है, और पाकिस्तान में इसे एक खतरनाक हथियार के रूप में विकसित किए जाने की चर्चा हो रही है।
अगर यह तकनीक गलत हाथों में पड़ती है, तो इसका मानवता पर गहरा असर पड़ सकता है, क्योंकि यह नैनोबॉट्स शरीर के अंदर किसी भी इंसान की मानसिक स्थिति को प्रभावित करने में सक्षम होंगे।
Nanobots: खतरे और सुरक्षा
वैज्ञानिकों और सरकारों के लिए इस नई तकनीक का विकास गंभीर सुरक्षा मुद्दे भी पैदा करता है। हालांकि नैनोबॉट्स का चिकित्सीय क्षेत्र में फायदा हो सकता है, लेकिन यह तकनीक अगर गलत उद्देश्य के लिए उपयोग की जाए तो यह एक खतरनाक हथियार बन सकती है।
नैनोबॉट्स की खोज और उनकी शक्ति से जुड़े खतरे से संबंधित कई सवाल उठ रहे हैं, और आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस तकनीक का दुरुपयोग रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।
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