Liberian container ship :
कोच्चि, एजेंसियां। कोच्चि से लगभग 38 समुद्री मील दूर एक लाइबेरियाई कंटेनर पोत एल्सा-3 बाढ़ के कारण गहरे पानी में डूब गया, लेकिन भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल ने जहाज के सभी 24 चालक दल सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया है। समुद्र में डूबे जहाज से किसी भी तेल या रासायनिक रिसाव पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए भारतीय जहाज पूरी तरह तैयार हैं।
Liberian container ship : 23 मई को कोच्चि से रवाना हुआ थाः
आईसीजी के कमांडर अमित उनियाल ने बताया कि 184 मीटर लंबा लाइबेरियाई कंटेनर जहाज एल्सा-3 तिरुवनंतपुरम के पास विझिनजाम बंदरगाह से 23 मई को कोच्चि बंदरगाह के लिए रवाना हुआ था। कोच्चि के रास्ते में जहाज के स्टारबोर्ड की तरफ 26 डिग्री का झुकाव होने पर चालक दल के 09 सदस्य लाइफ राफ्ट में चले गये। जहाज के कप्तान, मुख्य अभियंता और इंजीनियर बचाव कार्यों के लिए संकटग्रस्त जहाज पर सवार थे। भारतीय तटरक्षक बल को 24 मई को लगभग 13.25 बजे कोच्चि से करीब 38 समुद्री मील दूर लाइबेरियाई ध्वज वाले कंटेनर पोत एमएससी ईएलएसए 3 पर संकट की स्थिति के बारे में सूचना मिली।
Liberian container ship : संचार व्यवस्था टूटीः
दरअसल, शिपिंग कम्पनी पोत के साथ संचार स्थापित करने में असमर्थ थी और उसने पोत पर सवार 24 चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आईसीजी से सहायता मांगी। इस पर कोच्चि स्थित आईसीजी जिला मुख्यालय के अंतर्गत समुद्री बचाव उपकेन्द्र (एमआरएससी) ने आईसीजी डोर्नियर विमान को हवाई निगरानी करने और जहाज से संपर्क स्थापित करने का काम सौंपा। तुरंत प्रतिक्रिया करते हुए विमान ने जहाज का पता लगाया। पानी में दो लाइफ राफ्ट दिखाई दीं, जिनमें क्रमश: 05 और 04 लोग जीवित लोग सवार थे। संकटग्रस्त स्थान के पास तैरते हुए कुछ कंटेनरों की भी पहचान की गयी।
इसके बाद गश्त पर तैनात आईसीजी के जहाजों को भी संकटग्रस्त जहाज की ओर मोड़ दिया गया। एमआरएससी ने वैश्विक खोज और बचाव प्रक्रियाओं के अनुसार आसपास के दो व्यापारिक जहाजों एमवी हान यी और एमएससी सिल्वर 2 को संकटग्रस्त जहाज की स्थिति की ओर मोड़ दिया। त्वरित सहायता के लिए आईसीजी के डोर्नियर विमान ने जीवित बचे लोगों को बचाने के लिए जीवन रक्षक नौकाएं उतारीं। संकटग्रस्त जहाज एल्सा-3 के 12 अन्य चालक दल के सदस्य आईसीजी के जीवन रक्षक बेड़ा पर चले गये, जिन्हें आईसीजी जहाज अर्नवेश ने बचाया।
एमवी हान यी ने दो जीवन रक्षक नौकाओं से 09 जीवित लोगों को बचाया। इसी बीच सूचना पाकर भारतीय नौसेना का जहाज सुजाता भी शनिवार शाम इस आॅपरेशन में शामिल हो गया।
आईसीजी के कमांडर ने बताया कि 25 मई की सुबह 07.50 बजे एमएससी एल्सा-3 तेजी से झुका और पलटकर डूब गया। यह स्थिति देख कप्तान, मुख्य अभियंता और दूसरे इंजीनियर ने भी डूबते हुए जहाज को छोड़ दिया, जिन्हें आईएनएस सुजाता ने बचाया। बचाये गये चालक दल के 24 सदस्यों में 01 रूसी (मास्टर), 02 यूक्रेनी, 01 जॉर्जियाई और 20 फिलीपींस के नागरिक हैं।
जहाज पर मौजूद 640 कंटेनरों में से 13 में खतरनाक कार्गो था, जबकि कैल्शियम कार्बाइड वाले कार्गो के 12 कंटेनर मौजूद थे। जहाज के टैंकों में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस आॅयल था। इसके बाद प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरणों के साथ आईसीजी जहाज सक्षम को तैनात किया गया है। भारतीय तटरक्षक बल उभरते परिदृश्य का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है और एल्सा 3 के डूबने के बाद पर्यावरणीय प्रभाव पर बारीकी से निगरानी कर रहा है।
इसे भी पढ़ें
57,738 लोग बिना दस्तावेज वाले प्रवासी समुद्र के रास्ते स्पेन पहुंचे