रांची : JSSC PGT परीक्षा में मूक-बधिर श्रेणी में बोल सकने वाले अभ्यर्थी योगेंद्र प्रसाद के चयन का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। योगेंद्र देवघर जिला का रहनेवाला है।
मूकबधिर बन नौकरी पानेवाले योगेंद्र के बोलने का ऑडियो वायरल है। इसमें योगेंद्र एक महिला से बात कर रहा है। अब उसके सर्टिफिकेट व उसकी दिव्यांगता की जांच होगी।
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने इस संबंध में देवघर के डीसी को पत्र लिखा है। डीसी से योगेंद्र के सर्टिफिकेट की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
क्या है मामला?
दरअसल, शुक्रवार को धुर्वा मैदान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा 1500 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया था। इस मामले में विपक्ष द्वारा अनियमितता के आरोप लगाए गए हैं।
भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि JSSC PGT शिक्षक नियुक्ति में कई अभ्यर्थियों की बहाली गलत तरीके से हुई है।
देवघर जिले के सत्संग नगर निवासी योगेंद्र प्रसाद नामक युवक को मूक-बधिर कोटे के आधार पर नौकरी दी गई, लेकिन हकीकत में वह बोल और सुन सकता है। जो सरकार की अनियमितता को दर्शाता है।
‘योगेंद्र बोल सकता है’: योगेंद्र प्रसाद के पिता
मिली जानकारी के अनुसार योगेंद्र प्रसाद के पिता सुरेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि उनके बेटे पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि उनका बेटा बधिर है, उसे सुनने में दिक्कत होती है। लेकिन वह बोल सकता है।
उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने बधिर होने का प्रमाण पत्र देकर नौकरी पाई है। लेकिन उनके बेटे पर लगाए जा रहे आरोप उनकी समझ से परे हैं। वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि डॉक्टर का सर्टिफिकेट देने के बाद भी उस पर इस तरह के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं।
योगेंद्र की पत्नी ललिता देवी ने बताया कि उनके पति योगेंद्र प्रसाद को पिछले कई सालों से सुनने में दिक्कत है। जिसके चलते वह कान में मशीन भी लगाते हैं।
इसी आधार पर उन्हें नौकरी मिली है। लेकिन इसके बावजूद उनके पति पर गलत तरीके से नौकरी पाने का आरोप लगाया जा रहा है। इसके चलते उनके परिवार की खुशियां गायब हो गई हैं।
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