Land Restitution:
रांची। झारखंड में अब जमीन वापसी का कानून बनाने की मांग हो रही है। राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा इसके लिए सरकार पर दबाव बनायेगा। इसे लेकर पार्टी की ओर भूमि पुनर्वापसी का प्रस्ताव लाया जा रहा है।
Land Restitution: महाधिवेशन में लाया जायेगा प्रस्तावः
झारखंड मुक्ति मोर्चा का 13वां महाधिवेशन 14 और 15 अप्रैल को रांची स्थित खेलगांव के हरिवंश टाना भगत स्टेडियम में होगा। इसमें पार्टी भूमि पुनर्वापसी कानून बनाने का प्रस्ताव लाएगी। राज्य में आदिवासियों की जमीन को उनके मूल मालिकों को वापस करने के लिए कानून बनाने का प्रस्ताव पार्टी रखेगी। पार्टी सरकार पर यह दबाव बनाएगी कि वह विधानसभा के अगले सत्र में यह विधेयक लाए।
पार्टी अपने उन सभी कोर एजेंडों को लागू कराने के लिए सरकार पर दबाव बढ़ाएगी, जो कभी उनके आंदोलन का प्रमुख विषय हुआ करता था। संथाल परगना प्रमंडल के करीब 1 लाख आदिवासी परिवारों के पास उनकी जमीन के कागजात नहीं हैं। उनके घर या खेत, जो उनके कब्जे में है, वह पीढ़ी-दर-पीढ़ी से उनके पास तो है, पर उनके पास इसका कोई सबूत नहीं है। इन सबको पट्टा देने के लिए पार्टी प्रस्ताव पारित करेगी। दखलदिहानी पर हुए कोर्ट के ऑर्डर को लागू कराने पर भी पार्टी का जोर रहेगा।
Land Restitution: कोर्ट के ऑर्डर को लागू कराना सरकार का दायित्व : सुप्रियो
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य के मुताबिक जिन विषयों को लेकर पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन ने आंदोलन छेड़ा था, हम उसे कैसे छोड़ सकते हैं। हम एक-एक करके उन सभी विषयों को लागू करने के लिए सरकार पर दबाव बढ़ाएंगे। पार्टी भूमि पुनर्वापसी कानून लाने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
आदिवासियों की जमीन के बारे में कोर्ट के हुए आर्डर को लागू कराना सरकार का दायित्व है। आदिवासी भूमि का स्वामित्व एक बड़ा विषय है। खासकर संथाल परगना प्रमंडल में, जहां अब भी भूमि का एक बड़ा हिस्सा स्थानीय लोगों के स्वामित्व में है, लेकिन उनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं।
Land Restitution: इन राज्यों के प्रतिनिधि महाधिवेशन में भाग लेंगेः
पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार और झारखंड के 3000 से ज्यादा प्रतिनिधि महाधिवेशन में हिस्सा लेंगे। अधिकतर जिलों का संगठन चुनाव हो चुका है।
Land Restitution: झामुमो को राष्ट्रीय पार्टी बनाने पर होगा मंथनः
महाधिवेशन में झामुमो को राष्ट्रीय पार्टी बनाने पर मंथन होगा। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा- यह सम्मेलन महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हेमंत सोरेन के नेतृत्व में मिली जीत के कुछ ही महीनों के भीतर हो रहा है। यह जीत बड़ी बाधाओं के बावजूद मिली है, जिसमें हेमंत सोरेन का राष्ट्रीय स्तर पर कद बढ़ा है। वे अनुसूचित जनजातियों के बीच सबसे बड़े नेता स्थापित हो चुके हैं। इसका लाभ झारखंड के बाहर पार्टी का विस्तार करने और राष्ट्रीय स्तर पर एक ताकत के रूप में उभरने के लिए उठाया जाएगा।
Land Restitution: ये राजनीतिक प्रस्ताव लाये जायेंगेः
राजनीतिक प्रस्तावों में राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के पदचिह्नों का विस्तार, ग्रेटर झारखंड की पार्टी की मांग को फिर से रखा जाएगा।
Land Restitution: वक्फ बिल के खिलाफ आ सकता है प्रस्तावः
लोकसभा और राज्यसभा में पारित हुए वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ भी प्रस्ताव लाए जाने की तैयारी हो रही है। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह बंगाल में वक्फ संशोधित कानून को लागू नहीं करेगी। इस बीच, झारखंड सरकार में कांग्रेस खेमे के मंत्री इरफान अंसारी ने भी झारखंड में वक्फ कानून लागू नहीं होने देने की बात कही है।
Land Restitution: जिलाध्यक्ष नहीं लड़ सकेंगे विधानसभा चुनावः
झामुमो अपने संविधान में संशोधन कर रहा है। जानकारी के अनुसार, विधायकों को जिलाध्यक्ष या प्रखंड अध्यक्ष नहीं बनाने का प्रस्ताव आ सकता है। इसी प्रकार यह भी प्रस्ताव प्रस्तुत हो सकता है कि कोई जिलाध्यक्ष या प्रखंड अध्यक्ष विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेगा।
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