जामताड़ा। झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष प्रदीप मंडल ने एक प्रेस बयान जारी कर असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वशर्मा के भाषणों पर कड़ी आपत्ति जताई है।
प्रदीप ने कहा कि कुप्रथाओं का नाश सामाजिक रूप से तो हो गया, पर कुछ लोगो के मस्तिष्क में आज भी वही “झूठी शान- नारी को घर की चौखट के अंदर क़ैद करने की घटिया मानसिकता” जीवित है।
अर्धांगनी पति का आधा रूप होती है, उसे कभी अधीन समझने की भूल नहीं करनी चाहिए। कहा कि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने जोबा मांझी को मंच दिया, सविता महतो को मंच दिया, सीता सोरेन को मंच दिया, बेबी देवी को मंच दिया, कल्पना सोरेन को मंच दिया, महुआ मांझी को मंच दिया लेकिन इनको अपना प्रतिनिधि जनता ने चुना है।
जनता का प्रतिनिधि थोपा नहीं जाता आवाम चुनती है। प्रदीप ने कहा कि आज झारखंड के गांवों में ये देखने लायक़ है कि कल्पना सोरेन ने इतने कम समय में जो लोगो के दिलों में स्थान बनाया है वो राजनीति में बहुत कम लोगो को मिलता है।
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