हजारीबाग, एजेंसियां। नक्सली संगठन झारखंड टाइगर ग्रुप के सरगना राजकुमार गुप्ता को दस साल बाद हजारीबाग के जय प्रकाश नारायण केंद्रीय कारागार से शुक्रवार सुबह रिहा कर दिया गया।
उसे अपहरण के एक मामले में सजा सुनाई गई थी। राजकुमार गुप्ता ने साल 2013-14 में एक सनसनीखेज बयान दिया था, जिसमें उसने दावा किया था कि झारखंड के तत्कालीन कृषि मंत्री योगेंद्र साव झारखंड टाइगर ग्रुप के मुख्य संचालनकर्ता थे। इस बयान के बाद साव को हेमंत सोरेन की कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था।
राजनेताओं से जुड़े थे तार
गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद यह खुलासा हुआ था कि झारखंड टाइगर ग्रुप ने पतरातू से लेकर लातेहार तक रंगदारी, लेवी व धमकी का भय फैला रखा था।
गिद्दी पुलिस द्वारा गुप्ता को पकड़ने के बाद पूरे गिरोह के नेटवर्क, संचालन और सहयोगियों की जानकारी सामने आई थी।
राजकुमार ने बयान में स्वीकार किया था कि वह तत्कालीन कृषि मंत्री योगेंद्र साव के इशारे पर घटनाओं को अंजाम देता था, जिसमें उनके भाई और अन्य रिश्तेदार भी शामिल थे।
इस खुलासे से हेमंत सोरेन की सरकार की काफी किरकिरी हुई थी, जिसके बाद योगेंद्र साव को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
गिद्दी थाना में मामला दर्ज होने के बाद अपराध अनुसंधान विभाग (CID) ने भी जांच की, जिसमें यह पुष्टि हुई कि साव का राजकुमार गुप्ता से लगातार संपर्क था। मामले की सुनवाई फिलहाल रांची कोर्ट में चल रही है।
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