Jharkhand municipal elections:
रांची। झारखंड नगर निकाय चुनाव 2025 में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (बीसी-1) को अन्य पिछड़ा वर्ग (बीसी-2) की तुलना में अधिक आरक्षण मिलने जा रहा है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने जनसंख्या अनुपात के आधार पर ओबीसी आरक्षण का फार्मूला तय किया है। कुल 14% ओबीसी कोटे में बीसी-1 को 8% और बीसी-2 को 6% आरक्षण मिलेगा। यह निर्णय आयोग की विस्तृत जनगणना रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के ‘ट्रिपल टेस्ट’ निर्देशों के तहत लिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार
रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड के प्रमुख नगर निगम रांची, धनबाद, चास और गिरिडीह में बीसी-1 की जनसंख्या बीसी-2 से काफी अधिक है। उदाहरण के लिए, रांची में बीसी-1 की आबादी 39.94%, जबकि बीसी-2 की 24.89% है। धनबाद में यह अनुपात 50.54% बनाम 33.90%, गिरिडीह में 37.51% बनाम 13.03%, और चास में 33.90% बनाम 17.28% दर्ज की गई है।राज्य में बीसी-1 श्रेणी के अंतर्गत 113 जातियां, जबकि बीसी-2 में 33 जातियां सूचीबद्ध हैं।
आयोग ने स्पष्ट किया
आयोग ने स्पष्ट किया है कि जिन नगर क्षेत्रों में किसी वर्ग की जनसंख्या 1% से कम है, वहां उसे आरक्षण नहीं दिया जाएगा।राजनीतिक रूप से यह फैसला बड़ा असर डाल सकता है। बीसी-1 वर्ग की अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में अब पार्षद और अध्यक्ष पदों पर उनका प्रभाव बढ़ेगा। विशेषकर धनबाद, गिरिडीह और रांची जैसे नगर निगमों में बीसी-1 समुदाय की हिस्सेदारी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह नया आरक्षण फार्मूला राज्य की ओबीसी राजनीति में नया संतुलन स्थापित कर सकता है।
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