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हजारीबाग। नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति दिनेश कुमार सिंह विनोबा भावे विश्वविद्यालय के 20,767 रुपये वापस नहीं कर रहे हैं। विवि की ओर से इसके लिए उन्हें रिमाइंडर भी भेजा गया है। बता दें कि वह फिलहाल नीलांबर पितांबर विवि के कुलपति हैं। इससे पहले वह वह रांची विवि के प्रभारी कुलपति रहे थे। परंतु उनके द्वारा की गई गड़बड़ियों के कारण उनसे प्रभार वापस ले लिया गया था। इससे भी पहले वह विनोबा भावे विवि के प्रभारी कुलपति रहे थे। वहां भी इन पर कई तरह की गड़बड़ियों के आरोप लगे थे।
VC DK Singh: गाड़ी के निजी इस्तेमाल से जुड़ा है मामलाः
उनका नया कारनामा विनोबा भावे विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति के रूप में काम करने के दौरान गाड़ी के निजी इस्तेमाल से संबंधित है। इस मद में उनसे वसूली की जानी हैं। विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने दिनेश सिंह को रिमाइंडर भेज कर 20,761 रुपया जमा करने का अनुरोध किया है।
VC DK Singh: विवि की गाड़ी का निजी इस्तेमाल नहीं किया जा सकताः
विनोबा भावे विश्वविद्यालय की ओर से इस मामले में भेजे गये रिमाइंडर में कहा गया है कि कुलपति के सरकारी काम काज के लिए एक गाड़ी (JH02BG-2320) निर्धारित है। इस गाड़ी का निजी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। निजी इस्तेमान करने पर खर्च के भुगतान का प्रावधान है।
VC DK Singh: विवि की गाड़ी से निजी यात्राएं कीः
दिनेश सिंह ने विनोबा भावे विश्वविदायालय के प्रभारी कुलपित के रूप में काम करने के दौरान इस गाड़ी का निजी इस्तेमाल किया। उन्होंने इस गाड़ी से लखनऊ, बरेली, पंतनगर और बनारस की निजी यात्रा की। 13 मार्च 2025 से 17 मार्च 2025 की अवधि में उन्होंने राज्य से बाहर निजी काम के लिए विश्वविद्यालय की इस गाड़ी से 2,332 किलोमीटर की यात्रा की. इस यात्रा पर 20,761 रुपये का इंधन खर्च हुआ है।
VC DK Singh: इंधन पर खर्च हुआ पैसा मांग रहा विविः
विनोबा भावे विश्विद्यालय ने दिनेश सिंह से यह पैसा जमा करने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने अब तक पैसा जमा नहीं किया है। इसलिए विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने पैसा जमा करने के लिए रिमाइंडर भेजा है। विश्वविद्यालय की ओर से भेजे गये रिमाइंडर में दिनेश सिंह से यह अनुरोध किया गया है कि वह विश्वविद्यालय की गाड़ी से की गयी निजी यात्रा पर हुए खर्च का भुगतान विश्वविद्यलय के पंजाब नेशनल बैंक के खाते में जमा करा दें।
VC DK Singh: कई कारनामे हैं दिनेश सिंह केः
दिनेश सिंह ने विनोबा भावे और रांची विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति के रूप में काम करने के दौरान कई कारनामों को अंजाम दिया है। विनोबा भावे विश्विद्यालय के प्रभारी कुलपति के रुप में काम करने के दौरान उन्होंने दो करोड़ रुपये की लागत से गेस्ट हाउस के Renovation का प्रस्ताव तैयार कर भेजा था। इस पर फ़ाईल नंबर का उल्लेख नहीं किया गया था। उनके इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया था।
दिनेश सिंह ने विश्वविद्यालय में मैनपावर सप्लाई करने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर नया टेंडर जारी कर दिया था। हालांकि बाद में विश्वविद्यालय के नियमित कुलपति ने टेंडर को रद्द कर दिया।
VC DK Singh: शिकायत मिलते ही राज्यपाल ने प्रभारी कुलपति के पद से हटायाः
रांची विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलपति के रूप में काम करने के दौरान उन्होंने एक व्यक्ति को करोड़ो का सप्लाई ऑर्डर देने के लिए खूटी के एक कालेज के प्राचार्य पर दवाब डाला था। इन मामलों से संबंधित शिकयत मिलने के बाद राज्यपाल ने उन्हें रांची विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति पद से हटा दिया था।
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