रांची। बड़ी खबर है। झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन 3 विधायकों के साथ पहुंच गए है। बताया जा रहा है कि दोपहर में उनकी बीजेपी नेताओं के साथ मुलाकात होने वाली है।
शनिवार से ही चंपाई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें चल रही हैं। अब कयास लगाये जा रहे हैं कि वह कभी भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
झामुमो के 6 विधायकों ट्रैसलेस !
चंपाई के अलावा JMM से निष्कासित लोबिन हेंब्रम और बहरागोड़ा विधायक समीर मोहंती के भी बीजेपी में जाने की खबर है।
सूचना तो यह भी आ रही है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के छह विधायक भी किसी के संपर्क में नहीं हैं।
अब तक इन विधायकों के नाम स्पष्ट नहीं हो सके हैं, लेकिन राजनीतिक गलियारों में ये खबर तेजी से फैल रही है।
JMM के बड़े नेताओं को तोड़कर BJP ये मैसेज देना चाह रही है कि JMM में आदिवासी नेताओं की इज्जत नहीं है। हेमंत सोरेन केवल अपने परिवार को ही बढ़ाते हैं।
कोलकाता होकर दिल्ली गये झामुमो विधायक
हालांकि एक दिन पूर्व ही चंपाई सोरेन ने BJP में शामिल होने की अफवाहों पर कहा, था कि “क्या अफवाहें हैं, यह हमें नहीं पता। हमें नहीं पता है तो हम सच, झूठ का क्या आकलन करेंगे। हमें कुछ नहीं पता है, हम जहां हैं वहीं हैं।”
इस बीच खबर आ रही है कि एयर इंडिया के फ्लाइट से वह दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। यह भी बताया जा रहा है कि वह बीते शनिवार की शाम को ही कोलकाता पहुंच गये थे।
वहां उनकी मुलाकात बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी से भी हुई थी। इसके बाद आज सुबह वह दिल्ली के लिए निकल गये।
मिल रही जानकारी के मुताबिक विधायक समीर मोहंती, झामुमो के पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम और चमरा लिंडा उनके साथ हैं।
बता दें कि कल दोपहर ही लोबिन हेंब्रम चंपाई सोरेन से मिलने जमशेदपुर पहुंचे थे। कहा जा रहा है कि वहीं दोनों साथ कोलकाता के लिए निकल गये।
कोल्हान की 14 सीटों पर है टाइगर का असर
बता दें कि चंपाई सोरेन को कोल्हान का टाइगर कहा जाता है। कोल्हान की 14 सीटों पर उनका काफी असर है। उनकी गिनती JMM के सीनियर लीडर में होती है।
झारखंड के कोल्हान इलाके में उन्हें कोल्हान टाइगर के नाम से जाना जाता है। पार्टी में इनके कद का यहां कोई दूसरा नेता नहीं है।
इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि जब जमीन घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में सीएम हेमंत सोरेन जेल गए तो सोरेन परिवार ने उन्हें ही अपना उत्तराधिकारी चुना।
क्यों नाराज हैं चंपाई
अब बात कि पार्टी क्यों छोड़ना चाहते है चंपाई सोरेन। हेमंत के जेल से बाहर निकलते ही, चंपाई सोरेन को सीएम के पद से बेदखल कर दिया गया।
जबकि चंपाई इस टर्म तक सीएम बने रहना चाहते थे। हेमंत यह साबित करने में जुट गए कि चंपाई बेहतर ढंग से शासन नहीं चला सके।
इससे चंपाई सोरेन का पार्टी के प्रति मोह भंग होता चला गया। पार्टी छोड़ने का एक और बड़ा कारण अपने बेटे को सेट करना बताया जा रहा है।
वे अपने बेटे बाबूलाल के लिए विधानसभा सीट चाहते हैं। सूत्रों की माने तो BJP उनके बेटे के लिए घाटशिला और पोटका सीट ऑफर कर सकती है। JMM में रहते हुए उनके लिए ये कर पाना संभव नहीं था।
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