जमशेदपुर, एजेंसियां। यूपी के कुख्यात डॉन मुख्तार अंसारी जो अब इस दुनिया में नहीं है, के शूटर झारखंड में शरण लिये हुए हैं। इसका खुलासा तब हुआ, जब झारखंड पुलिस और यूपी STF ने जमशेदपुर में मुख्तार अंसारी के शूटर अनुज कनौजिया को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। ADG अमिताभ यश के अनुसार STF और झारखंड पुलिस गुप्त सूचना पर अनुज कनौजिया को जमशेदपुर में पकड़ने पहुंची।
पुलिस को देखते ही अनुज ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने भी क्रॉस फायरिंग की। इसमें अनुज कनौजिया को गोली लग गई। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
अनुज ने बम भी फेंकाः
मुठभेड़ के दौरान अनुज ने बम भी फेंके, लेकिन बम नहीं फटा। दोनों ओर से 25 राउंड से अधिक गोलियां चलीं। इसमें STF के डीएसपी धर्मेश कुमार शाही घायल हो गए। उनके बाएं कंधे पर गोली लगी है। उन्हें जमशेदपुर TMH में भर्ती कराया गया।
2.50 लाख का इनामी था अनुजः
36 साल के अनुज पर दो दिन पहले ही मऊ पुलिस ने 2.50 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। उसने 4 मर्डर किए थे। उस पर हत्या, लूट समेत 23 मुकदमे दर्ज थे।
बड़ी वारदात की फिराक में था अनुज कनौजियाः
यूपी एसटीएफ को दो दिन पहले सूचना मिली थी कि अनुज जमशेदपुर में छिपा है। किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहा है। इसके बाद यूपी एसटीएफ ने झारखंड पुलिस से संपर्क किया।
रात 10:30 बजे पुलिस ने जमशेदपुर के छोटा गोविंदपुर इलाके में स्थित अनुज के ठिकाने को घेर लिया। खुद को घिरता देख घर से ही उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। अनुज को उसके साले ने पनाह दी थी। घर में उसने अपना ऑफिस भी बना रखा था।
मुख्तार की बरसी के दूसरे दिन ढेर हुआ अनुजः
अनुज मुख्तार अंसारी की बरसी के ठीक दूसरे दिन मारा गया। पिछले साल 28 मार्च को बांदा जेल में मुख्तार अंसारी की मौत हुई थी। शुक्रवार को ही मुख्तार की पहली बरसी थी। मुख्तार अंसारी गैंग अनुज का इस्तेमाल जमीन पर कब्जा कराने, सरकारी ठेकों में दखल के लिए करता था। अनुज गैंग का शॉर्प शूटर था, वह दोनों हाथों में पिस्टल लेकर एक साथ फायर कर सकता था।
पिता बोले- बेटा मुख्तार का शूटर नहीं थाः
एनकाउंटर के बाद अनुज के पिता हनुमान कनौजिया ने कहा कि बेटे पर 4 हत्या के झूठे आरोप थे। उसने सिर्फ एक हत्या की थी। वह भी भाई की मौत का बदला लेने के लिए।
पुलिस कह रही है कि वह मुख्तार का शार्प शूटर था। यह भी झूठ है। उसने मुख्तार के साथ काम करने से मना कर दिया था। इसलिए मुख्तार खुद मेरे बेटे की हत्या करवाना चाहता था। अनुज अपराध की दुनियां पहले ही छोड़ चुका था। वह बिजनेस शुरू करना चाहता था, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं होने दिया। अनुज पर कई फर्जी मुकदमे लगाते गए। एनकाउंटर के डर से ही भागा-भागा फिर रहा था। आखिरकार पुलिस ने उसको मार ही डाला।
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