नई दिल्ली, एजेंसियां। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट देशभर में एक बड़ा अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान उन लोगों और कंपनियों के खिलाफ होगा
जिन्होंने TDS (Tax Deducted at Source) और TCS (Tax Collected at Source) नहीं काटा या जमा नहीं किया। लगभग 40,000 ऐसे टैक्सपेयर्स जांच के दायरे में हैं। इस कार्रवाई का आधार वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान काटे गए टैक्स के आंकड़े हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने TDS डिफॉल्टर्स को पकड़ने के लिए 16 सूत्रीय योजना बनाई है। इसके अलावा, डेटा एनालिटिक्स टीम ने जांच के लिए ऐसे टैक्सपेयर्स की एक पूरी लिस्ट तैयार की है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमारे पास एनालिटिक्स टीम का डेटा है। अगर किसी ने टैक्स जमा नहीं किया है तो हम पहले उन्हें सूचित करेंगे।” अधिकारी उन मामलों पर विशेष ध्यान देंगे, जहां टैक्स कटौती और एडवांस टैक्स भुगतान में बड़ा अंतर है।
उन मामलों की भी जांच होगी जहां टैक्स कटौती करने वाले के नाम में बार-बार बदलाव और सुधार हुए हैं, और साथ ही उन कंपनियों की भी जांच की जाएगी जिन्होंने ऑडिट में बीमार इकाइयों या घाटे वाली कंपनियों का उपयोग किया है।
क्या कहता है कानून?
आयकर अधिनियम की धारा 40(a)(ia) के तहत, ऐसी बड़ी अस्वीकृतियां जहां TDS नहीं काटा गया है या सरकार के पास जमा नहीं किया गया, उन मामलों की रिपोर्ट करने के लिए बोर्ड ने आकलन अधिकारियों को कहा है। इसके अलावा, TDS रिटर्न में संशोधन और डिफॉल्ट की राशि में कमी आने वाले मामलों पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी।
डिफॉल्टर पर एक्शन
अधिकारी ने कहा, “ईमानदार करदाताओं के लिए TDS अनुपालन में ढील दी गई है, लेकिन जानबूझकर डिफॉल्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे टैक्स सिस्टम निष्पक्ष और न्यायसंगत बनेगा।” सरकार को उम्मीद है कि इस अभियान से टैक्स चोरी में कमी आएगी और राजस्व बढ़ेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
बजट में TDS और TCS दरों को युक्तिसंगत बनाने की घोषणा की गई है, जिससे दरों की संख्या और कटौती सीमा को कम किया गया है, ताकि करदाताओं को बेहतर सुविधा मिल सके।
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