High Court:
नई दिल्ली, एजेंसियां। कर्नाटक हाईकोर्ट ने गूगल इंडिया और उसके तीन वरिष्ठ अधिकारियों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन के आरोप में लगाए गए जुर्माने की 50 प्रतिशत राशि बैंक गारंटी के रूप में जमा करने का आदेश दिया है।
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गूगल इंडिया पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, जबकि तीनों अधिकारियों पर कुल 45 लाख रुपये का जुर्माना भी किया गया था। यह मामला फेमा की धारा 6(3)(डी) के उल्लंघन से संबंधित है, जिसमें करीब 364 करोड़ रुपये का लेनदेन शामिल है।
High Court: क्या है आरोप ?
ईडी का आरोप है कि गूगल इंडिया ने गूगल आयरलैंड को वितरक शुल्क के रूप में किए गए भुगतान और गूगल यूएस से उपकरण खरीदने में अनियमितताएं कीं। एजेंसी का कहना है कि गूगल आयरलैंड को 363 करोड़ रुपये का भुगतान 2014 में चार साल तक नहीं किया गया, जबकि गूगल यूएस से उपकरणों का भुगतान सात साल से अधिक समय तक टलता रहा।हालांकि, गूगल इंडिया ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा कि यह लेनदेन विदेशी मुद्रा ऋण नहीं थे और उसने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियमों का पालन किया था।
High Court: इससे पहले फेमा पर जुर्माना रोक लगा दी थी
इससे पहले, 11 जनवरी 2019 को दिल्ली में फेमा के अपीलीय न्यायाधिकरण ने जुर्माने पर रोक लगा दी थी, लेकिन ईडी ने इस रोक को चुनौती देते हुए दूसरी अपील दायर की थी। अब कर्नाटक हाईकोर्ट ने गूगल इंडिया और उसके अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे दो सप्ताह के भीतर जुर्माने की आधी राशि के लिए बैंक गारंटी उपलब्ध कराएं।
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