Dry eyes:
नई दिल्ली, एजेंसियां। आज के डिजिटल युग में आंखों में ड्राइनेस यानी ड्राई आई सिंड्रोम एक आम समस्या बन गई है। यह तब होता है जब आंखों की आंसू ग्रंथियां पर्याप्त मात्रा में नमी नहीं बना पातीं या आंसू बहुत जल्दी सूख जाते हैं। नतीजतन आंखों में जलन, खुजली और चुभन जैसी दिक्कतें होने लगती हैं।
सर गंगाराम अस्पताल के पूर्व एचओडी डॉ. ए.के. ग्रोवर के मुताबिक, लंबे समय तक मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर स्क्रीन पर देखने से आंखें सूखने लगती हैं क्योंकि पलकें झपकाने की दर घट जाती है। इसके अलावा, एयर-कंडीशंड माहौल, प्रदूषण, धूल-धूप, नींद की कमी, पानी की कमी और विटामिन ए की कमी भी ड्राइनेस के प्रमुख कारण हैं। कुछ दवाएं जैसे एंटीहिस्टामिन, ब्लड प्रेशर या डिप्रेशन की दवाएं भी आंसू बनने की प्रक्रिया को प्रभावित करती हैं।
ड्राई आई के लक्षण
विशेषज्ञ बताते हैं कि आंखों में ड्राइनेस के प्रमुख लक्षण हैं —
• आंखों में जलन, खुजली या चुभन महसूस होना
• लालपन और रोशनी के प्रति संवेदनशीलता बढ़ना
• लंबे समय तक पढ़ने या स्क्रीन पर काम करने के बाद धुंधलापन
• आंखों में भारीपन या दर्द
• रात में ड्राइविंग में परेशानी
• बार-बार आंखों में पानी आना (जो वास्तव में ड्राइनेस की प्रतिक्रिया होती है)
अगर ये लक्षण लगातार बने रहें, तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से जांच करानी चाहिए, क्योंकि लंबे समय तक ड्राइनेस रहने से कॉर्निया को नुकसान और नजर कमजोर होने का खतरा रहता है।
बचाव के उपाय
हर 20 मिनट बाद स्क्रीन से नजरें हटाकर 20 सेकंड आराम दें
• आंखों को बार-बार झपकाएं
• पर्याप्त पानी पिएं और नींद पूरी करें
• धूप या धूल में सनग्लास पहनें
• कमरे में ह्यूमिडिफायर का प्रयोग करें
• धूम्रपान और अत्यधिक कैफीन से बचें
• जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से ल्यूब्रिकेंट आई ड्रॉप्स का प्रयोग करें
थोड़ी सावधानी और नियमित आंखों की देखभाल से इस समस्या को न केवल नियंत्रित किया जा सकता है बल्कि आंखों की सेहत भी लंबे समय तक सुरक्षित रखी जा सकती है।
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