Gupt Navratri 2025:
नई दिल्ली, एजेंसियां। 26 जून 2025 से आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि आरंभ हो चुकी है। यह नौ दिन की विशेष तांत्रिक साधना है, जिसमें मां दुर्गा की दस महाविद्याओं काली, तारा, त्रिपुरसुंदरी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला – की गुप्त उपासना की जाती है। इसे आत्मिक बल, तंत्र मंत्र की सिद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा पाने का उत्तम समय माना जाता है।
गुप्त नवरात्रि के दौरान कुछ नियमों का पालन आवश्यक है। साधना में पवित्रता, ब्रह्मचर्य, संयमित आहार और शुद्ध मानसिकता का ध्यान रखना चाहिए। व्रतधारी क्रोध, झूठ और नकारात्मक विचारों से दूर रहें। तामसिक वस्तुओं जैसे लहसुन-प्याज, मांस, मदिरा से परहेज करें।
Gupt Navratri 2025: विशेष ध्यान देने योग्य बातें हैं
साधना बिना योग्य गुरु के न करें, बाल-नाखून न काटें, परिवार में शांति बनाए रखें और किसी स्त्री का अपमान न करें। माता की पूजा में दीपदान करें और पवित्र जल में स्नान करें। छोटी कन्याओं को उपहार या भोजन देकर देवी की कृपा प्राप्त करें।गुप्त नवरात्रि के दौरान दुर्गासप्तशती, दुर्गा चालीसा और अर्गला स्तोत्र का पाठ भी शुभ माना जाता है। साथ ही, राहु, केतु और शनि की नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए विशेष हवन और मंत्र जाप लाभदायक होते हैं।इस अवधि में ध्यान, योग और नियमित मंत्र जाप से साधना की ऊर्जा बढ़ती है। गुप्त नवरात्रि में अनुशासन और नियमों का पालन कर मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है।
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