रांची। असली गैंग्स ऑफ जामताड़ा के पांचों आरोपियों को सजा सुना दी गई है। पीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने मंगलवार को बैंक अधिकारी बनकर करोड़ों की साइबर ठगी करने के पांच दोषियों को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई है।
साथ ही कोर्ट ने सभी पर ढाई-ढाई लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। अदालत में पांचों को बीते शनिवार को दोषी करार दिया था।
दोषियों में गणेश मंडल, प्रदीप मंडल, संतोष मंडल, पिंटू मंडल और अंकुश कुमार मंडल शामिल हैं।
सभी जामताड़ा जिले के नारायणपुर थाना क्षेत्र के मिरगा गांव निवासी हैं। इनमें चार बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में जबकि एक देवघर जेल में बंद है।
सुनवाई के दौरान अंकुश को वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश किया गया था। अन्य सभी सशरीर अदालत में उपस्थित थे।
इसी गैंग पर आधारित था वेब सीरीज जामताड़ा
बता दें कि इन्ही के कारनामों को लेकर मशहूर वेब सीरीज गैंग्स आफ जामताड़ा बनी थी। इस मामले में ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक अतीश कुमार ने 24 गवाहों को प्रस्तुत किया।
साथ ही काफी संख्या में दस्तावेज को चिन्हित कराया गया। दोषियों पर फर्जी पते पर सिम कार्ड लेने और बैंक अधिकारी बनकर लोगों को कॉल करके साइबर अपराध करने का आरोप है।
सभी केवाईसी अपडेट करने के नाम पर ओटीपी पूछकर उनके खातों से पैसे निकाल लेते थे। ईडी ने साइबर अपराध के किसी मामले में पहली बार छह अगस्त, 2018 को मनी लांड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया था।
जांच पूरी करते हुए ईडी ने 27 मई, 2019 को पांचों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। मामले में इनके खिलाफ 13 दिसंबर, 2019 को आरोप गठित किया गया।
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