अब 15 लाख से कम की योजनाओं का भी होगा टेंडर
पटना, एजेंसियां। बिहार में अब मुखिया और पंचायत सेवकों की मनमानी नकेल कसेगी। बिहार सरकार के कैबिनेट ने पंचायतों में राशि की बंदरबांट रोकने के लिए भी अहम फैसला लिया है।
पंचायतों में अब 15 लाख रुपए से कम की योजनाओं का भी टेंडर होगा। नीतीश सरकार ने पंचायत निर्माण कार्य नियमावली को स्वीकृत दी है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाया गया है। सरकार के इस कदम से अब अब मुखिया और पंचायत सचिवों की मनमानी नहीं चलेगी।
राशि की बंदरबांट बंद होगी
पंचायतों में अब मुखिया और पंचायत सचिवों की मनमानी नहीं चलेगी। 15 लाख रुपए से कम की योजनाओं का भी अब सरकार टेंडर करेगी। राशि का बंदरबांट अब रोका जा सकेगा।
बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि नियमावली में अब यह प्रावधान है जिससे मुखिया और पंचायत सचिवों की मनमानी पर रोक लगेगी। छोटे कामों के भी ठेकेदारों का पैनल बनेगा। उसकी बिड लगेगी और बोली में ही चयनित व्यक्ति को वह काम दिया जाएगा।
जिला परिषद की जमीन को लीज पर देने की नीति बनी
बताया गया कि राज्य के सभी 38 जिला में जिला परिषद की जमीन को लीज पर देने के लिए भी सरकार ने अब नीति बना दी है।
30 से 50 साल यानी लांग टर्म नीति के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। बताया कि अब खेती-किसानी के लिए भी लीज बाजार मूल्य पर देना होगा जो अधिकतम 5 साल का होगा।
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