नयी दिल्ली, एजेंसियां : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्रियों, संबंधित उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों तथा नेता प्रतिपक्षों द्वारा अनुसरण की जाने वाली परामर्श प्रक्रिया से संबंधित दिशानिर्देश तय करेगा।
शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति को इस आधार पर चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया कि इस मामले में नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) से परामर्श नहीं किया गया था।
बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे। उन्होंने इस नियुक्ति को अवैध करार दिया था।
उमंग सिंघार ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनके द्वारा दायर की गई याचिका में बताया गया था कि राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए उनसे परामर्श नहीं लिया गया।
याचिका में कहा गया कि लोकायुक्त की नियुक्ति कानून के प्रावधानों के खिलाफ गैर-पारदर्शी और मनमाने तरीके से की गई। बता दें कि 10 मार्च को पूर्व न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह को मध्य प्रदेश का नया लोकायुक्त नियुक्त किया गया है।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राजभवन में उन्हें शपथ दिलाई थी। वर्तमान लोकायुक्त एनके गुप्ता का कार्यकाल पिछले साल 17 अक्टूबर को ही पूरा हो गया था। लेकिन, अब तक नए लोकायुक्ति की नियुक्ति नहीं की गई थी।
यह भी माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद ही मध्य प्रदेश को नया लोकायुक्त मिलेगा, लेकिन आचार संहिता लगने से पहले सत्येंद्र कुमार सिंह को लोकायुक्त बनाया गया।
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