रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की परेशानी उनके करीबी मित्र ने ही बढ़ा दी है। उनका यह मित्र अब उन्ही के खिलाफ गवाही देगा।
कोर्ट में वह मित्र के कारनामों के पोल खोलेगा। यह मित्र कोई और नहीं बल्कि आर्किटेक्ट विनोद सिंह है। विनोद सिंह ईडी के लिए सरकारी गवाह बनने को राजी हो गया है।
ईडी अब विनोद सिंह की निशानदेही पर हेमंत सोरेन के खिलाफ सबूत जुटाने में जुट गई है। ईडी ने विनोद सिंह से लगातार तीन दनों तक पूछताछ की है।
विनोद सिंह का मोबाइल और उनके ऑफिस से जब्त कंप्यूटर लगातार राज उगल रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन सबूतों न पूरी सरकारी व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है।
कहा जा रहा है कि बिनोद सिंह और हेमंत सोरेन के बीच हुए वॉट्सएप चैट में इतने सबूत मिले हैं कि ईडी की जांच का दायरा जमीन घोटाले से निकलकर अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के साथ ही भवन निर्माण विभाग और नगर निगम सहित अन्य विभागों के टेंडर मैनेज करने तक पहुंच गया है।
बिनोद ने पूछताछ में बड़गाई अंचल की 8.46 एकड़ जमीन पर बैंक्वेट हॉल बनाने, उसका नक्शा बनाने और अफसरों की पोस्टिंग के लिए पैरवी करने की बात भी स्वीकार कर ली है।
सूत्रों के मुताबिक बिनोद सिंह अब ईडी के सरकारी गवाह बनेंगे।
अब ईडी ने बिनोद के रोस्पा टावर स्थित ग्रिड्स कंसल्टेंट द्वारा विभिन्न विभागों में किए गए काम की भी जांच शुरू कर दी है। बिनोद के करीबियों से पूछताछ की जा रही है।
बिनोद के कार्यालय के एक कर्मचारी से भी पूछताछ की गई है। उससे ग्रिड्स कंसल्टेंट कार्यालय में छापेमारी के दौरान मिले कागजात एवं इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से मिले साक्ष्य के संबंध में सवाल पूछे गए।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बड़गाई अंचल के तत्कालीन राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद और बिनोद सिंह से पूछताछ में मिले तथ्यों के आधार पर जांच एजेंसी ने झामुमो नेता एवं जमीन कारोबारी रमेश गोप के ठिकानों पर भी छापेमारी की है।
इस दौरान कई कागजात जब्त किए गए हैं। ईडी अब रमेश गोप द्वारा पिछले कुछ वर्षों के दौरान की गई जमीन की खरीद-बिक्री से संबंधित डेटा जुटा रहा है।
जमीन चिह्नित होने के बाद उसके रेकर्ड की जांच की जाएगी। ईडी जल्दी ही रमेश गोप को पूछताछ के लिए बुलानेवाली है।
इधर, बड़गाई अंचल की 8.46 एकड़ जमीन के फर्जी कागजात बनाने और पंजी-टू में गड़बड़ी करने के मामले में ईडी रिमांड पर लिए गए बड़गांई अंचल के निलंबित राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद से पूछताछ पूरी कर चुकी है।
उसकी रिमांड अवधि पूरी होने के बाद शनिवार को ही उसे जेल भेज दिया गया है।
बताया जा रहा है कि पूछताछ के दौरान भानु ने ईडी अधिकारियों को रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन, अंचल सीओ सहित वरीय अधिकारियों से मिले सभी निर्देशों, जमीन की मापी का ब्योरा सहित अन्य जानकारी दी है।
भानु से मिले इनपुट के आधार पर ही पिछले दिन ईडी ने जमीन कारोबारी रमेश गोप, हिलेरियस कच्छप के यहां छापेमारी की थी।
अब यह भी कहा जा रहा है कि ईडी कई और जमीन कारोबारियों से भी पूछताछ करनेवाली है।
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